मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को चंडीगढ़ के पंजाब भवन में सभी जिलों के डीसी, एसएसपी और तमाम विभागाें के सचिवों को ड्रग्स माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। तीन महीने के बाद सीएम मान फिर बैठक बुलाएंगे और जिम्मेदार अधिकारियों से रिपोर्ट तलब करेंगे।


नशे के खिलाफ जंग: सीएम की चेतावनी-तस्करी छोड़ दो या पंजाब, तीन महीने में राज्य को नशा मुक्त करने का लक्ष्य

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Fri, 28 Feb 2025 12:33 PM IST

सार

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चण्डीगढ़-पंजाब

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को चंडीगढ़ के पंजाब भवन में सभी जिलों के डीसी, एसएसपी और तमाम विभागाें के सचिवों को ड्रग्स माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। तीन महीने के बाद सीएम मान फिर बैठक बुलाएंगे और जिम्मेदार अधिकारियों से रिपोर्ट तलब करेंगे।

CM Bhagwant Mann meeting with DCs and SSPs of all districts

डीसी और एसएसपी की बैठक ले रहे सीएम भगवंत मान - फोटो

 

पंजाब सरकार नशा तस्करों पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ड्रग्स माफिया को चेतावनी देते हुए कहा है कि वे या तो नशा तस्करी छोड़ दें या पंजाब छोड़ दें। किसी भी नशा तस्कर को अब बख्शा नहीं जाएगा। नशा तस्करों की अब सिर्फ गिरफ्तारी नहीं होगी, बल्कि उनकी अवैध संपत्ति पर सरकार बुलडोजर चलाएगी। सीएम ने पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए तीन महीने का समय तय किया है।

 



मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को चंडीगढ़ के पंजाब भवन में सभी जिलों के डीसी, एसएसपी और तमाम विभागाें के सचिवों को ड्रग्स माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। तीन महीने के बाद सीएम मान फिर बैठक बुलाएंगे और जिम्मेदार अधिकारियों से रिपोर्ट तलब करेंगे। इस बैठक में वीरवार को गठित की गई पांच सदस्यीय कैबिनेट कमेटी के चेयरमैन वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा, अमन अरोड़ा, डॉ. बलबीर सिंह, तरुणप्रीत सिंह सौंद और लालजीत सिंह भुल्लर भी उपस्थित थे। इसके अलावा मुख्य सचिव केएपी सिन्हा, डीजीपी गौरव यादव, गृह सचिव गुरकीरत कृपाल सिंह, स्पेशल डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर अर्पित शुक्ला व अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।

 

 

फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन करेगी सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार नशा तस्करी के मामलों की तेजी से सुनवाई व दोषियों को सजा दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन करेगी। सीएम ने स्कूलों व कॉलेजों में नशे की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात कही। उन्होंने नशे की सप्लाई चेन को पूरी तरह तोड़ने और नशा बेचने वालों को जेल में डालने की बात कही।

नशा तस्करों को बिजली, पानी व सब्सिडी की सुविधा नहीं

सीएम ने कहा कि सरकार नशा तस्करों और उनके परिवारों को बिजली, पानी और अन्य सुविधाओं में कोई सब्सिडी नहीं देगी। अगर एनडीपीएस एक्ट में किसी और संशोधन की जरूरत पड़ी, तो वह इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष उठाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नारंगवाल गांव में नशा तस्कर की अवैध संपत्ति को ध्वस्त किया गया था। वहां अब लाइब्रेरी बनाई जाएगी।

आरोपियों की जमानत रद्द करने की पूरी कोशिश की जाए

सीएम ने कहा कि नशा तस्करों के खिलाफ तेजी से मामले दर्ज किए जाने चाहिए, जिसके लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने पहले ही सूची दे दी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बड़ी व मध्यम मात्रा में नशे की बरामदगी के मामलों में गिरफ्तार आरोपियों की जमानत रद्द करने में पूरी कोशिश की जाए।

विभागों के बीच तालमेल बढ़ाने पर जोर

मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों, पुलिस कमिश्नरों व सभी एसएसपी को नशा छुड़ाओ व पुनर्वास केंद्रों का नियमित रूप से निरीक्षण करने के लिए कहा। इन केंद्रों को आवश्यक मानव शक्ति व परीक्षण किट, दवाएं, सुरक्षा, सफाई और अन्य बुनियादी ढांचे से लैस करने पर जोर दिया। साथ ही विभागों के बीच तालमेल बढ़ाने पर जोर दिया।

स्कूलों में नशे के खिलाफ पाठ्यक्रम

सीएम ने कहा कि एसडीएम, फील्ड अधिकारी नशे के आदी विशेष रूप से नशे की ओवरडोज से मौत के मामले में पीड़ितों के घर जाएं। उन्होंने स्कूलों में नशे की समस्या के खिलाफ पाठ्यक्रम शुरू करने की भी घोषणा की, जिसके लिए शिक्षा विभाग जल्द आवश्यक कदम उठाएगा।

नशे के विरूद्ध सरकार की अब तक की कार्रवाई

-6,500 ज्यादा बड़े तस्कर दबोचे गए।
-30 हजार से ज्यादा एनडीपीएस के केस दर्ज।
-10 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों के तबादले।
-एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया।
-नशा तस्करों की 612 करोड़ की संपत्ति जब्त।
-ड्रग्स तस्करी में शामिल 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी गिरफ्तार।
-45 हजार छोटे स्मगलरों पर एफआईआर कर गिरफ्तार किया।
-1128 किलो हेरोइन जब्त।
-कनविक्शन रेट 58 से बढ़कर 85 प्रतिशत हुआ।
-बॉर्डर पर नशा तस्करी करते हुए 294 ड्रोन पकड़े।
-3 लाख से ज्यादा नशा पीड़ितो का ट्रीटमेंट ओएटी सेंटर्स में चल रहा।
-12,500 गांव में नशे को रोकने के लिए कमेटियों का गठन।

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