लखनऊ बीकेटी तहसील और मलीहाबाद तहसील क्षेत्र के अंतर्गत बहने वाली गोमती पर हुए कब्जे और 104 किसानों के गायब पट्टा पत्रावली सरकारी कागजात की सीबीआई जांच को लेकर तिरंगा महाराज ने किया जल समाधि आंदोलन किया जहां पर इटौंजा थाना प्रभारी मार्कण्डेय यादव ने तिरंगा महाराज को गिरफ्तार कर 14 दिन की रिमांड पर सेंट्रल जेल भेज दिया था। जेल से बाहर आते ही तिरंगा महाराज ने मीडिया से बात कर फिर से गोमती नदी पर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है
भू माफियाओं द्वारा कब्जा नदी को कब्जा मुक्त कराने के लिए गोमती नदी की जमीन बचाने की लड़ाई में तिरंगा महाराज ने जताया हत्या का खतरा जताया है।
तिरंगा महाराज ने कहां घूम पीताओं के द्वारा अधिकारियों से साथ घटकर हमें गिरफ्तार कर जेल भिजवाया गया और लगातार हमें धमकियां दी जा रहे हैं हमने इटौंजा पुलिस में शिकायत की है लेकिन हमारी कहीं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है ।
*गोमती नदी की जमीन बचाने की लड़ाई में तिरंगा महाराज ने जताया हत्या का खतरा*
लखनऊ: गोमती नदी के किनारों और धारा को अवैध कब्जों से बचाने की मुहिम चला रहे दीपक शुक्ला उर्फ तिरंगा महाराज ने अपनी हत्या की आशंका जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर कहा कि उनकी जान को खतरा है और यदि उनकी हत्या होती है तो इसके लिए नीलांश वॉटर पार्क और रिसॉर्ट के मालिकों के साथ-साथ इटौंजा पुलिस प्रशासन और उनकी ही पार्टी भाजपा के कुछ भ्रष्ट नेता जिम्मेदार होंगे।
*अवैध कब्जे और संघर्ष की शुरुआत*
दीपक शुक्ला, तिरंगा महाराज जो खुद एक गरीब ब्राह्मण किसान परिवार से हैं वह लंबे समय से गोमती नदी के किनारे हो रहे अतिक्रमण और किसानों की जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका आरोप है कि नीलांश वॉटर पार्क और रिसॉर्ट के मालिक सतीश श्रीवास्तव, संतोष श्रीवास्तव, राजेश श्रीवास्तव और मदनलाल ने नदी की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है।उनका कहना है कि इन प्रभावशाली लोगों ने गोमती नदी के बहाव क्षेत्र में बड़ी-बड़ी दीवारें और कमरे बना लिए हैं, जिससे न केवल नदी का प्राकृतिक प्रवाह बाधित हुआ है बल्कि किसानों की जमीन भी जबरन हड़प ली गई है। इस मामले की शिकायत उन्होंने बीकेटी तहसील, डीएम, मंडलायुक्त, मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव तक की, लेकिन कहीं से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
*आईएएस अधिकारियों और नेताओं पर काले धन को खपाने के गंभीर संगीन आरोप*
तिरंगा महाराज का कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तक अपनी शिकायत पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन उनकी ही पार्टी के कुछ नेताओं ने कथित रूप से इन भूमाफियाओं से पैसे लेकर मामले को दबा दिया।उन्होंने लिखा, "मैं चाहता था कि मेरी आवाज मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री तक पहुंचे, लेकिन मेरी ही पार्टी के कई नेता इन भ्रष्टाचारियों के पैसों पर बिक गए। मेरी आवाज को दबाने के लिए पुलिस अब मुझे झूठे मामलों में फंसाकर अपराधी साबित करना चाहती है।"मुझे जेल भेजा जा चुका है कभी भी मेरे साथ कोई घटना घटित हो सकती है
*हमलों का सिलसिला और हत्या की आशंका*
सोशल ऐक्टिविस्ट तिरंगा महाराज पर पहले भी हमले हो चुके हैं। जब वे गोमती नदी की जमीन बचाने के लिए आंदोलन कर रहे थे, तब उन पर लेखपाल तुषार ने जानलेवा हमला कर उनका मोबाइल फोन छीन लिया था। इसके बावजूद उन्होंने अपनी लड़ाई जारी रखी।अब उन्होंने अपनी पोस्ट में कहा, “आज मैं बेहद निराश हूं और समझ नहीं पा रहा हूं कि आगे क्या करूं। लेकिन अब जो हालात हैं, उससे स्पष्ट है कि मेरी हत्या कर दी जाएगी। अगर मेरी हत्या होती है, तो इसके जिम्मेदार नीलांश वॉटर पार्क के मालिक और भ्रष्ट अधिकारी होंगे।”
उनकी इस पोस्ट के बाद किसान संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। वे मांग कर रहे हैं कि प्रशासन इस मामले की निष्पक्ष जांच करे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले में कोई हस्तक्षेप करेंगे या फिर यह लड़ाई यूं ही अनसुनी होती जाएगी।
नवीनतम न्यूज़ अपडेट्स के लिए
Facebook,
Instagram,
Twitter
पर हमें फॉलो करें और लेटेस्ट वीडियोज़ के लिए हमारे
YouTube
चैनल को भी सब्सक्राइब करें।
Leave a Comment: