पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से विशेष बातचीत में कहा कि हमें जनता ने नहीं, मशीन, मनी और मैनिपुलेशन ने हराया। कुमारी सैलजा के बयान पर उन्होंने कहा कि सबको पता है कि किसने क्या किया और कौन क्या बयान दे रहा था।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से विशेष बातचीत में कहा कि हमें जनता ने नहीं, मशीन, मनी और मैनिपुलेशन ने हराया। कुमारी सैलजा के बयान पर उन्होंने कहा कि सबको पता है कि किसने क्या किया और कौन क्या बयान दे रहा था।
विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह पूरी तरह से आश्वास्त थे कि कांग्रेस दस साल बाद सत्ता में जोरदार वापसी करने जा रही है। चुनाव परिणाम जब सामने आए तो पार्टी को बुरी तरह से झटका लगा। इस पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा कहते हैं कि उन्हें जनता ने नहीं बल्कि मशीन, मनी और मैनिपुलेशन ने हराया।
निकाय चुनाव में भी उन्होंने ईवीएम के बजाय पेपर बैलेट से चुनाव कराने की मांग रखी थी। अमर उजाला से विशेष बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने निकाय चुनाव में कांग्रेस की निष्क्रियता, सैलजा का हालिया बयान और पीएम से मुलाकात के वायरल वीडियो पर अमर उजाला के राज्य ब्यूरो प्रमुख आशीष वर्मा से विस्तार से बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश।
विधानसभा चुनाव में आप कितने आश्वास्त थे कि आप चुनाव जीतेंगे हमें लोगों ने नहीं हराया।
तो क्या वजह रही है.... मशीन, मनी और मैनिपुलेशन। चुनाव से एक दिन पहले तक वोट बनते रहे हैं। करण दलाल साहब की कमेटी की रिपोर्ट में सबकुछ है। नगर निगम चुनाव में भी हमने बैलेट पेपर से चुनाव करवाने की मांग की थी। अब तो वीवीपैट भी नहीं लगा रहे। जबकि यह सुप्रीम कोर्ट की गाइइ लाइंस हैं। ईवीएम सुरक्षित नहीं है। ट्रंप ने भी पेपर बैलेट का समर्थन किया है। भाजपा और कांग्रेस के वोट शेयर में मामूली सा अंतर था। उन्हें 39.94 फीसदी वोट मिले, जबकि हमें 39.09 फीसदी।
हरियाणा में सरकार उसी की बनती है, जो पोस्टल बैलेट में जीतता है। पोस्टल बैलेट में हम 90 सीटों में से 76 जीते थे। एक बात तय है कि किसी भी इलेक्ट्रानिक गैजेट में छेड़छाड़ की जा सकती है। यहां से बैठे-बैठे जब अंतरिक्ष में जाने वाले राकेट को नियंत्रित किया जा सकता है तो ईवीएम को क्यों नहीं। जब इतने सवाल उठ रहे हैं तो एक बार बैलेट पेपर से चुनाव करवा लो। सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले दिनों भी एक ऑब्जरर्वेशन दी थी कि ईवीएम से डाटा डिलीट नहीं करना चाहिए था।
सैलजा ने हाल ही बयान दिया है कि लोग तो हमें जिताना चाहते थे, मगर कमियां लीडरशिप में थी? वह तो सीनियर लीडर हैं। बाकी सबको पता है कि किसने क्या किया है। उस दौरान कौन क्या बयान दे रहा था। कौन किससे मिला था, उस बात को लेकर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।
पिछले दिनों मोदी और आपकी मुलाकात का एक वीडियो वायरल हुआ। उसके बाद सरकार के मंत्री कह रहे हैं आप भाजपा में आने के लिए तैयार हैं। क्या सच्चाई है वीडियो की? इन लोगों को न तो इतिहास का पता है और न ही आज का। मोदी और मैं दस साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं। साल में दो बार मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन होता था, तो अल्फाबेट्स के हिसाब से मैं और मोदी अगल-बगल ही बैठते रहे हैं। समारोह में तो शिष्टाचार मुलाकात होती रहती हैं। अब तो राजनीति बदल गई है। मैं पिछले दिनों सुखबीर बादल की बेटी की शादी में गया था। तो इसका कुछ भी मतलब निकालोगे। मेरे पिता ने प्रकाश सिंह बादल और बलराम जाखड़ को कांग्रेस का टिकट दिलवाया था। मेरे पास भी यह वीडियो आया था। मोदी ने मुझसे नहीं बल्कि मेरे साथ खड़े अश्विनी कुमार से कहा था। अश्विनी कुमार ने ही पूछा था कि मैं आपसे मिलना चाहता हूं तो मोदी ने कहा आइए कभी भी। समारोह में अमित शाह भी मिलने आए थे। ये लोग तो बचपने वाली बात करते हैं।
कांग्रेस हर जगह हार रही है। ऐसा क्यों लग रहा कि भारत कांग्रेस मुक्त होता जा रहा? ऐसा नहीं है। कांग्रेस नेशनल पार्टी। इसकी मौजूगदी हर प्रदेश में हैं। संगठन भी हमारा जल्द तैयार होगा। कोई भी पार्टी हो संगठन के नहीं होने से नुकसान तो होगा। राहुल संगठन पर ग्रास रूट स्तर पर काम कर रहे हैं।
निकाय चुनाव में कांग्रेस मन से क्यों नहीं लड़ रही? ऐसा नहीं है। कांग्रेस नेता मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं। मैं, इन चुनाव में जाता नहीं। जब मेरी सरकार थी, तो उस दौरान भी निकाय चुनाव के दौरान मैं प्रचार में नहीं गया और सारी जगह कांग्रेस उम्मीदवार जीते थे। ये (सीएम सैनी) तो हर वार्ड में घूम रहे। इससे इनकी घबराहट का पता चलता है। मैं निकाय चुनाव, बार एसोसिएशन, इंस्टीट्यूशन और पंचायत चुनाव में प्रचार के लिए नहीं जाता। सिर्फ लोकसभा और विधानसभा चुनाव में ही प्रचार के लिए जाता हूं।
पिछले कुछ दिनों से कांग्रेसी पार्टी छोड़कर जा रहे हैं, ऐसा क्यों? कौन लोग छोड़कर जा रहे। विधानसभा चुनाव से पहले कितने लोग कांग्रेस में शामिल हुए थे। आपने तो देखा ही। बिशनलाल पहले भी बाहर से आए हुए थे। जो लोग पार्टी में रह कर भाजपा की मदद कर रहे थे, वही लोग पार्टी से बाहर जा रहे हैं।
बजट सत्र शुरू हो रहा है, विपक्ष की तौर पर आपकी क्या तैयारियां हैं? बजट में सरकार क्या करेगी। फिर से कर्जा बढ़ा देगी। हरियाणा का हर बच्चा ढाई लाख रुपये कर्ज के साथ पैदा होता है। जनता ने विपक्ष की भूमिका दी है तो विपक्ष में बैठेंगे। प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। किसानों को एमएसपी नहीं मिल रही। बेरोजगारी में हरियाणा नंबर वन है। मैं 15 फसलों का नाम गिना सकता हूं, जिन पर एमएसपी पिछले दो सालों से नहीं मिली।
इतने समय के बावजूद कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष नहीं मिला? हाईकमान तय करेगा। बहुत जल्द इसकी घोषणा हो जाएगी। मैं दस साल मुख्यमंत्री और तीन बार नेता प्रतिपक्ष रह चुका है। मगर मेरा कोई मोह नहीं है।
सैनी सरकार के शुरुआती कार्यकाल को कैसे देखते हैं? सरकार के तौर पर मुझे अभी कोई खास परफार्मेंस नहीं दिखी। मगर अभिनेता (सीएम सैनी) के तौर पर उनकी परफार्मेंस बेहतर है। अभी तक कौन सा वादा पूरा किया है। क्या दो लाख लोगों को नौकरी लग गई। कौशल रोजगार के सब पक्के हो गए। महिलाओं को 21 सौ रुपये मिल गए। स्कूल में जाओ मास्टर नहीं, अस्पताल जाओ डॉक्टर नहीं। कौशल रोजगार में आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है।
सरकार का दावा है कि शपथ लेने से पहले 24 हजार लोगों को नौकरी दी है? इसका मतलब है कि पिछली सरकार ने पिछले पांच साल में कोई नौकरी नहीं दी। जिस नौकरी के बारे में दावा किया जा रहा है ये सब लंबित नौकरियां थीं। यह सरकार तो ऐसी है, जिसके कार्यकाल में एचएसएससी के दफ्तर में करोड़ों रुपये पकड़े गए। परचून की तरह नाौकरी बेची गई हैं। इतना तो चौटाला की सरकार में नहीं हुआ।
हरियाणा में नशा कितनी बड़ी समस्या है। आप इसका हल कैसे देखते हैं? पिछले कुछ वर्षों में नशा बहुत तेजी से बढ़ा है। गांव-गली-मोहल्लों में नशा खूब बिक रहा है। दरअसल बड़े तस्करों को नहीं पकड़ा जा रहा। बड़े मगरमच्छ अब भी घूम रहे हैं। सिर्फ पेडलर्स को पकड़ा जाता है। ऐसे नशा नहीं रुकता।
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जीतन राम मांझी ने कहा कि हमलोग बाबा साहब को मानने वाले लोग हैं। बाबा साहब ने कहा था कि हम गरीबों का मानदंड यह नहीं है कि हम भूखे और हम अंगूठा छाप हैं। हमलोग पढ़े लिखे लोग नहीं है। हमलोगों में यही कमी है। इसलिए हमें हर हाल में साक्षर होना पड़ेगा
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