लखीमपुर खीरी के बांकेगंज के बाबूपुर गांव में महिला सिपाही पर मकान खाली कराने के लिए प्रताड़ना का आरोप लगाकर जान देने वाले बुजुर्ग के दो बेटों ने भी 36 घंटे के भीतर आत्महत्या कर ली।


लखीमपुर खीरी के बांकेगंज के बाबूपुर गांव में मकान के मालिकाना हक के विवाद में बुजुर्ग और उनके दो बेटों ने आत्महत्या कर ली। मामले में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं। बाबूपुर गांव निवासी सोहनलाल का कहना है कि राम नरेश अपने खुद के घर में गुलामी की जिंदगी जीते थे। सगे फूफा होने के बावजूद आरती उसकी मां, बहन और भाई लगातार प्रताड़ित करते थे। तिलकपुर गांव में दो एकड़ जमीन पर मेहनत वह करता था। मगर फसल राम देवी काटती थीं। मकान छिन जाने के डर से राम नरेश और उसके बच्चों ने आत्महत्या कर ली।

Father and two sons suicide in Lakhimpur Kheri Ram Naresh family lived a life of slavery in their own house

तिलकपुर गांव की जमीन भी थी विवाद का कारण
बाबूपुर गांव के ग्रामीणों का कहना है रामनरेश, उसके पुत्रों और महिला सिपाही आरती के बीच विवाद की जड़ मकान ही नहीं, बल्कि तिलकपुर गांव में मुकेश और सुधीर के नाम एक-एक एकड़ जमीन भी थी। जमीन दोनों पुत्रों के नाम थी, मगर उस जमीन पर उगाए गए गन्ने का भुगतान रामदेवी अपने नाम की पर्चियों पर मिल भेजती थी। जबकि फसल में मेहनत, मजदूरी, सिंचाईं, गोड़ाई राम नरेश और उनके दोनों पुत्र करते थे। एक-दो साल पहले राम नरेश के दोनों पुत्रों ने चीनी मिल में सट्टा अपने नाम कराया। इसके बाद आरती और उसके परिवार ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया।

Father and two sons suicide in Lakhimpur Kheri Ram Naresh family lived a life of slavery in their own house
सुधीर का फाइल फोटो - फोटो 

 

गांव निवासी बुजुर्ग राधा बताती हैं कि रामनरेश आरती के परिवार का सारा काम करता था। भैंस के लिए चारा, खेती-बाड़ी में मेहनत वह करता था, लेकिन आरती और उसका परिवार उसकी मेहनत की कमाई अपने पास रखता था। इसके बदले राम नरेश और उसके बच्चों को दो जून की रूखी-सूखी रोटी के सिवा कुछ नहीं मिलता था।

 

Father and two sons suicide in Lakhimpur Kheri Ram Naresh family lived a life of slavery in their own house
इसी घर को लेकर था विवाद - फोटो 

 

 

गांव निवासी हरिश्चंद्र बताते हैं कि राम नरेश ने अपने मकान के लिए गांव निवासी रामरतन से जमीन खरीदी थी। आरती और उसके परिवार का इस जमीन पर कोई हक नहीं बनता है। आपस में रिश्तेदार होने के बावजूद महिला सिपाही आरती उसे काफी परेशान करती थी।

 

Father and two sons suicide in Lakhimpur Kheri Ram Naresh family lived a life of slavery in their own house
सुधीर ने छोड़ा सुसाइड नोट - फोटो 

बुजुर्ग लालजी का कहना है कि मकान छिन जाने की डर से राम नरेश और उसके बच्चे काफी परेशान रहा करते थे। आरती की प्रताड़ना से तंग आकर तीनों ने आत्महत्या कर ली। अब उसके घर में कोई दिया जलाने वाला तक नहीं बचा।

 

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रामनरेश का फाइल फोटो - फोटो 

भतीजे रमेश का कहना है कि राम नरेश काफी मेहनती इंसान थे। आरती के घर का सारा कामकाज वह और उसके बच्चे करते थे। जमीन खरीद कर मकान उसने बनाया। लेकिन पुलिस में भर्ती होने के बाद आरती ने अपना रंग दिखाना शुरू किया। रामनरेश के मकान पर अपना हक जताते हुए उसे लगाातार परेशान करने लगी।

 

Father and two sons suicide in Lakhimpur Kheri Ram Naresh family lived a life of slavery in their own house
इसी मकान को लेकर था विवाद - फोटो 

ये है पूरा मामला
लखीमपुर खीरी के बांकेगंज के बाबूपुर गांव में महिला सिपाही पर मकान खाली कराने के लिए प्रताड़ना का आरोप लगाकर जान देने वाले बुजुर्ग के दो बेटों ने भी 36 घंटे के भीतर आत्महत्या कर ली। शुक्रवार सुबह ट्रेन से कटकर जान देने वाले छोटे बेटे ने भी सुसाइड नोट में महिला सिपाही और उसके परिजनों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। लिखा है कि इस परिवार की वजह से उसके पिता की जान गई, अब वह भी जान दे रहा है। पुलिस ने सिपाही, उसकी मां, बहन, भाई पर आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तार किया है। वहीं बांकेगंज चौकी इंचार्ज जितेंद्र कुमार को लाइन हाजिर किया गया है। सिपाही अजय पांडे को निलंबित किया गया है। 
 

Father and two sons suicide in Lakhimpur Kheri Ram Naresh family lived a life of slavery in their own house
जमीन की पैमाइश - फोटो 

 

घटना थाना मैलानी क्षेत्र के बाबूपुर गांव की है। यहां रहने वाले 60 वर्षीय रामनरेश ने बुधवार रात घर में फंदा लगाकर जान दे दी थी। उनके बेटों मुकेश (28) व सुधीर (25) ने पुलिस से शिकायत कर सिपाही आरती निगम (डायल-112 में तैनात), उसकी मां रामदेवी, बहन शशिबाला और भाई शिवम पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था। कहा था कि सिपाही से आजिज आकर पिता ने जान दी है। 

 

Father and two sons suicide in Lakhimpur Kheri Ram Naresh family lived a life of slavery in their own house
पिता के बाद दो बेटों ने महिला सिपाही से तंग होकर दी जान - 

पुलिस ने बृहस्पतिवार को चारों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। इस बीच शुक्रवार सुबह सुधीर शौच के लिए बाहर गया था। उसने ट्रेन के सामने कूदकर जान दे दी। यह सुन बड़े भाई मुकेश ने घर में फांसी लगा ली। दो दिन में रामनरेश का पूरा परिवार खत्म हो गया। एसपी गणेश प्रसाद साहा ने बताया कि पिछले कुछ समय से दोनों परिवारों में मकान को लेकर विवाद चल रहा था। सुलह के भी प्रयास हुए, पर बात बनी नहीं। घटना की जांच की जा रही है। चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। 

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