Syria War News Live: सीरिया में विद्रोहियों ने कई बड़े शहरों पर कब्जा , देश छोड़कर भागे राष्ट्रपति?


सीरिया के चार शहरों पर विद्रोही समूह का कब्जा हो गया है और राष्ट्रपति बशर अल असद का मजबूत किला दमिश्क भी ढह गया। राष्ट्रपति बशर अल असद के सीरिया छोड़कर अज्ञात जगह पर जाने की खबरें हैं। वहीं उनका परिवार पहले ही सीरिया छोड़कर रूस जा चुका है। सीरिया सेना के दो शीर्ष अधिकारियों ने ये दावा किया है। 
 

डॉक्टर बनते-बनते सख्त राजनेता कैसे बन गए बशर अल असद

बशर अल असद ने मेडिकल की पढ़ाई की है और लंदन से वे आंखों के विशेषज्ञ डॉक्टरी की पढ़ाई करने गए थे। उस समय तक बशर का राजनीति से कोई लेना देना नहीं था, लेकिन 90 के दशक में बड़े भाई की एक कार हादसे में मौत के बाद बशर न चाहते हुए भी राजनीति में आ गए और साल 2000 में पिता की मौत के बाद सीरिया की सत्ता पर काबिज हुए। 

 

बीती रात से बशर अल असद का पता नहीं

सीरिया के प्रधानमंत्री के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति बशर अल असद और सीरिया के रक्षा मंत्री के बारे में बीती रात से कोई जानकारी नहीं है। माना जा रहा कि दोनों नेता देश छोड़कर जा चुके हैं। बशर का परिवार पहले ही सीरिया छोड़कर जा चुका है। 

 

विद्रोहियों ने सरकारी टीवी पर किया कब्जा

विद्रोहियों ने सीरिया के सरकारी टीवी प्रसारण पर कब्जा कर लिया है और अपने संदेश में कहा है कि सीरिया में बशर अल असद सरकार की सरकार को सत्ता से उखाड़ दिया गया है। साथ ही जेलों से कई विद्रोहियों को भी रिहा कर दिया गया है। 

 

सीरिया की यह लड़ाई क्यों है अहम

सीरिया में जारी गृह युद्ध असल में पूरे पश्चिम एशिया पर दबदबा बनाने की राजनीति का हिस्सा है। सीरिया की सीमा इराक, तुर्किये, जॉर्डन, लेबनान और इस्राइल जैसे देशों से लगती है। सीरिया पर दबदबे का मतलब है कि पश्चिम एशिया के अहम व्यापार मार्गों, ऊर्जा गलियारों तक पहुंच मिल सकती है। जिससे पूरे पश्चिम एशिया पर दबाव डाला जा सकता है। सीरिया में बशर अल असद की सरकार के सत्ता से हटने का सबसे ज्यादा असर रूस पर होगा क्योंकि पश्चिम एशिया में सीरिया ही रूस का सबसे भरोसेमंद साथी था। वहीं विद्रोही गुट को अमेरिका का समर्थन है। सीरिया गृह युद्ध के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में भी उछाल आने की आशंका है, जिसका असर भारत पर भी होगा। 

 

सीरिया से खत्म हुआ बशर अल असद सरकार का शासन

सीरिया पर राष्ट्रपति बशर अल असद के परिवार का शासन करीब 50 साल रहा और अब 50 साल बाद सीरिया से इस परिवार का शासन खत्म हो गया है। राष्ट्रपति बशर और उनके परिवार के सीरिया छोड़कर भागने की चर्चा है। वहीं विद्रोहियों ने पूरे देश पर कब्जा कर लिया है। प्रधानमंत्री ने भी विद्रोहियों से मिलकर नई सरकार का गठन करने की बात कही है। विद्रोही गुट एचटीएस ने कहा है कि अब नया सीरिया बनेगा, जहां सब शांति से रहेंगे। दमिश्क की सड़कों पर बड़ी संख्या में लोग उतर बशर सरकार के पतन का जश्न मना रहे हैं। 

 

सीरिया गृह युद्ध में जा चुकी है पांच लाख से ज्यादा लोगों की जान

बशर अल असद सरकार और विद्रोही गुटों के बीच जारी संघर्ष में अब तक पांच लाख से ज्यादा लोगों के मारे जाने का दावा है। साथ ही बीते 13 वर्षों में सीरिया से करीब 68 लाख लोग देश छोड़कर जा चुके हैं। इनमें से अधिकतर लोग तुर्किये और यूरोपीय देशों में रह रहे हैं। सीरिया के 30 फीसदी हिस्से पर पहले भी विद्रोहियों का कब्जा था, लेकिन अब अधिकतर हिस्से पर उनका कब्जा हो गया है। सीरिया के मौजूदा हालात में आतंकी संगठन आईएसआईएस के अगले कदम पर भी सभी की निगाहें हैं। 

 

इस्राइल को युद्ध का एक और मोर्चा खुलने की आशंका

सीरिया में विद्रोहियों के लगातार मजबूत होने और बशर अल असद सरकार के कमजोर पड़ने के बाद इस्राइल को एक और युद्ध का मोर्चा खुलने का डर सता रहा है। दरअसल सशस्त्र बलों ने गोलन हाइट्स इलाके में बफर जोन में प्रवेश कर लिया है और उनके द्वारा संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षक बलों पर हमले किए जा रहे हैं। इस्राइल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने इस्राइल-सीरिया पर बढ़ रहे तनाव पर चिंता जाहिर की। इस्राइल को गोलान हाइट्स इलाके में मौजूद अपने लोगों की सुरक्षा के लिए चिंता हो रही है।

 

सार्वजनिक संस्थानों पर भी विद्रोहियों का कब्जा

सीरिया में बशर अल असद सरकार ढह गई है और सीरिया के सार्वजनिक संस्थानों पर भी विद्रोही गुट का कब्जा हो गया है। विद्रोही नेता अहमद अल शारा ने कहा है कि देश के सार्वजनिक संस्थान पूर्व प्रधानमंत्री की देखरेख में रहेंगे, जब तक नई सरकार सत्ता पर काबिज नहीं हो जाती। वहीं प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी अल जलाली ने भी नई सरकार के सत्ता पर काबिज होने में मदद की बात कही। राष्ट्रपति बशल अल असद के देश छोड़कर भागने की खबर है। 

 

कौन है एचटीएस प्रमुख अबु मोहम्मद अल जोलानी

सीरिया के विद्रोही गुट हयात तहरीर अल शाम का प्रमुख अबु मोहम्मद अल जोलानी एक इस्लामिक नेता है, लेकिन वह खुद के आधुनिक होने का दावा करता है। जिसका मकसद सीरिया की सत्ता से बशर अल असद सरकार को हटाना है। जोलानी बीते कई वर्षों से खुफिया तरीके से गुट का नेतृत्व कर रहा था, लेकिन अब वह खुलकर दुनिया के सामने आ गया है और वैश्विक मीडिया को इंटरव्यू दे रहा है। 

अबु जोलानी का जन्म 1982 को हुआ था और उसका लालन-पालन सीरिया की राजधानी दमिश्क के माजेह इलाके में हुआ। जोलानी के परिवार का ताल्लुक गोलान हाइट्स इलाके से है और उसका दावा है कि उसके दादा को साल 1967 में गोलान हाइट्स इलाके से भागना पड़ा था, जब गोलान हाइट्स पर इस्राइल का कब्जा हो गया था।  

सीरिया सरकार के खिलाफ बिगुल बजाने वाला विद्रोही संगठन क्या है

सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार के खिलाफ लड़ रहा विद्रोही गुट हयात तहरीर अल शाम आंतकी संगठन अल कायदा की शाखा रहा है। हालांकि बाद में इस संगठन ने खुद को अल कायदा से अलग कर लिया था। इस गुट का नेतृत्व अबु मोहम्मद अल जोलानी द्वारा किया जा रहा है, जिसे बेहद कट्टरपंथी माना जाता है। एचटीएस ने साल 2016 में अल कायदा से अपना नाता तोड़ लिया था और जोलानी ने खुद को गुट का नेता घोषित कर दिया था। पश्चिमी देश एचटीएस को आतंकी संगठन मानते हैं।  

सीरिया के प्रमुख शहर होम्स पर विद्रोहियों का कब्जा

सीरिया में गृह युद्ध बीते 12 साल से चल रहा है, लेकिन हाल के समय में विद्रोही गुट ने जिस तेजी से सीरिया पर कब्जा जमाया है, उससे सभी हैरान हैं। बीते 24 घंटे में ही विद्रोही गुट एचटीएस ने सीरिया के प्रमुख शहर होम्स पर कब्जा कर लिया और होम्स में मौजूद राष्ट्रपति बशर अल असद के पिता की प्रतिमा को तोड़ दिया। विद्रोहियों ने होम्स पर कब्जा होने का दावा किया है। इसके बाद हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और खुशी मनाई। 

 

Syria War News Live: सीरिया पर विद्रोहियों का कब्जा, बशर अल असद परिवार के 50 साल के शासन का हुआ खात्मा

वहीं विद्रोही गुट हयात तहरीर अल शाम के लड़ाकों ने राजधानी दमिश्क में दाखिल होना शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया पर ऐसी वीडियो प्रसारित हो रही है, जिनमें सीरिया सेना के जवान सड़कों पर अपनी वर्दी उतारकर विद्रोही गुट को अपना समर्थन देते दिखाई दे रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विद्रोहियों ने दावा किया है कि उन्होंने सेदनाया जेल में बंद कैदियों को रिहा करना शुरू कर दिया है। सेदनाया जेल राष्ट्रपति बशर अल असद के कार्यकाल में कथित निर्दयता का प्रतीक मानी जाती है। आरोप है कि वहां हजारों की संख्या में विद्रोही कैद हैं, जिन्हें अमानवीय तरीके से प्रताड़ित किया जाता था। 

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