राना स्टील में जीएसटी टीम पर हमले के प्रकरण में जेल गए पूर्व विधायक शाहनवाज राना की मुश्किलें बढ़ गई हैं। करीब 14 साल बाद दोबारा हिस्ट्रीशीट खोल दी गई है। पुलिस ने जीएसटी टीम में शामिल रहीं महिला अधिकारी का मेडिकल कराकर अदालत में बयान दर्ज कराए। मुकदमे में महिला अधिकारी के साथ बदसलूकी का आरोप लगाया गया था। पुलिस अदालत में दिए गए बयानों का अभी तक अवलोकन नहीं कर सकी है।
बृहस्पतिवार को वहलना चौक स्थित राना स्टील में जीएसटी टीम की छापेमारी के दौरान हंगामा हुआ था। डीजीजीआई के इंटेलीजेंस ऑफिसर कौशल कुमार ने पूर्व विधायक पर सरकारी कार्य में बाधा डालने, पथराव, गाड़ी क्षतिग्रस्त करने, बदसलूकी और महिला अधिकारी का हाथ पकड़कर धक्का देने समेत अन्य धारा में मुकदमा दर्ज कराया था।
शहर कोतवाली से खालापार थाने पहुंची हिस्ट्रीशीट
पूर्व विधायक की साल 2001 में शहर कोतवाली में हिस्ट्रीशीट खोली गई थी। 2010 में कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने निगरानी बंद की। पूर्व विधायक पर मुकदमा दर्ज होते ही पुलिस ने दोबारा हिस्ट्रीशीट खोल दी है। आरोपी के मुकदमे शहर कोतवाली से नए थाने खालापार में ट्रांसफर कर दिए गए हैं। एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि वादी की ओर से दर्ज मुकदमे में महिला के कोर्ट में बयान दर्ज कराए गए हैं।
यह लिखवाया था मुकदमे में
वादी का कहना था कि शाहनवाज राना के नाम जीएसटी का सर्च वारंट पहले से था। आते ही महिला अधिकारियों के साथ अभद्रता करते हुए हमला किया। एक महिला अधिकारी का हाथ पकड़कर धक्का दिया। इसी वजह से मुकदमा धारा 75 में दर्ज किया गया था।
इस धारा में बढ़ेगी मुसीबत
भारतीय न्याय संहिता की धारा 75 के तहत महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न के अपराध को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा गया है। यह गैर-जमानती अपराध है। किसी महिला को बिना उसकी अनुमति के छूने पर भी इस धारा का प्रयोग किया जाता है।
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