जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष देखने को मिला. इस संघर्ष के दौरान न सिर्फ पाकिस्तान की नापाक हरकत देखने को मिली, बल्कि तुर्की का असली चेहरा भी दुनिया के सामने आ गया. भारत के खिलाफ तुर्की ने पाकिस्तान की जमकर मदद की. अब ये मदद तुर्की के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है. भारत तुर्की के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है. इसी के तहत भारत ने तुर्की को साफ चेतावनी में कहा कि वो पाकिस्तान या फिर अपनी बर्बादी दोनों में किसी एक को चुने.
भारत सरकार ने तुर्की को दो टूक शब्दों में कहा है कि अगर वह पाकिस्तान का समर्थन करता रहा और सीमा पार आतंकवाद पर आंखें मूंदे रहा तो इसका असर द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ेगा.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि तुर्की पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन बंद करने और दशकों से उसके द्वारा पोषित आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र के खिलाफ विश्वसनीय और सत्यापन योग्य कार्रवाई करने का पुरजोर आग्रह करेगा.
तुर्की के ड्रोन से भारत पर हमले की कोशिश
ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही पाकिस्तान बौखला गया था. यही कारण है कि बौखलाए पाकिस्तान ने भारत पर हमले की कई नाकाम कोशिश की थी. इस दौरान पाकिस्तान की तरफ से जिन 300-400 ड्रोन के जरिए भारत के सैन्य और नागरिक क्षेत्रों पर हमले किए, उनमें अधिकांश ड्रोन तुर्की में बनाए गए थे, जिन्हें पाकिस्तान को बेचा गया था. इन ड्रोन ने लद्दाख के लेह से लेकर गुजरात के सर क्रीक तक भारत की हवाई सीमा का उल्लंघन किया. इससे साफ है कि पाकिस्तान के आतंक के साथ तुर्की भी है.
तुर्की लगातार दे रहा पाकिस्तान का साथ
तुर्की पिछले लंबे समय से जम्मू-कश्मीर में भारतीय क्षेत्र पर आक्रमण और अवैध कब्जे के मामले में पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है. इससे भारत-तुर्की संबंधों में तनाव बढ़ा है. भारत ने कई बार तुर्की को चेताया है कि वह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करे और आतंकवाद जैसे संवेदनशील मुद्दों पर संतुलित रुख अपनाए.
भारत के खिलाफ और पाकिस्तान का साथ देने वाले तुर्की के खिलाफ लोगों का गुस्सा हर रोज बढ़ता ही जा रहा है, जिसका खामियाजा भी तुर्की को भुगतना पड़ रहा है. पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey ट्रेंड कर रहा है. इसके अलावा कई नागरिकों और संगठनों ने तुर्की के सामान, सेवाओं और पर्यटन का बहिष्कार करने की अपील की है. यही कारण है कि तुर्की को 32 हजार करोड़ रुपये का झटका लग सकता है.
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