जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल स्तयपाल मलिक और 5 अन्य पर सीबीआई ने 2200 करोड़ के कथित भ्रष्टाचार को लेकर चार्जशीट दाखिल की है. यह मामला किरू जलविद्युत परियोजना से जुड़ा हुआ है. इस केस में चार्जशीट दाखिल होने के बाद पूर्व राज्यपाल की अस्पताल से तस्वीर सामने आई है.


जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक इस समय सुर्खियों में बने हुए हैं. पूर्व राज्यपाल और 5 अन्य लोगों के खिलाफ सीबीआई (CBI) ने 2200 करोड़ के भ्रष्टाचार के मामले में चार्जशीट दाखिल की है. चार्जशीट दाखिल होने के बाद अस्पताल से पूर्व राज्यपाल की फोटो सामने आई है. उनकी तबीयत खराब है.

 

सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर सत्यपाल मलिक की अस्पताल की फोटो पोस्ट की गई है, साथ ही पोस्ट में कहा गया है कि मेरे बहुत से शुभचिंतकों के फोन आ रहे हैं, जिन्हें उठाने में, मैं असमर्थ हूं. अभी मेरी हालत बहुत खराब है मैं किसी से भी बात करने की हालत में नहीं हूं. 11 मई से राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हूं. संक्रमण की शिकायत के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया था. अब स्थिति बहुत गंभीर है और पिछले तीन दिनों से किडनी की डायलिसिस की जा रही है.

भ्रष्टाचार केस में कैसे फंसे?

2200 करोड़ का भ्रष्टाचार का यह मामला किरू जलविद्युत परियोजना (Kiru Hydroelectric Power Project) से जुड़ा है. परियोजना में सिविल वर्क्स के ठेकों में कथित भ्रष्टाचार का यह मामला है. जिस पर CBI ने अपनी जांच में पाया कि किरू प्रोजेक्ट के ठेके में गड़बड़ी हुई है.

किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में मौजूद है. प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (CVPPPL) के जरिए किया जा रहा है. सीबीआई जांच के मुताबिक, परियोजना के सिविल वर्क्स के लिए टेंडर प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं पाई गईं. CVPPPL की बोर्ड बैठक में यह फैसला किया गया था कि टेंडर प्रक्रिया ई-टेंडरिंग और रिवर्स ऑक्शन के जरिए दोबारा कराई जाएगी, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया बल्कि ठेका सीधे पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को दे दिया गया.

 

 

रिश्वत की पेशकेश की बात स्वीकारी

किरू जलविद्युत परियोजना में यह जांच साल 2022 में जम्मू-कश्मीर सरकार के अनुरोध के बाद शुरू हुई थी. जिसमें दो ठेकों में अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग की गई है. ये चिंताएं शुरू में सत्यपाल मलिक ने ही उठाई थी, जिन्होंने 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में काम किया. मलिक ने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया था कि उन्हें दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी, जिनमें से एक किरू परियोजना से संबंधित थी.

CBI ने 2024 में की जांच

साल 2024 में, किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट के लिए 2,200 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार की जांच के तहत सीबीआई ने दिल्ली और जम्मू में 8 स्थानों पर तलाशी ली थी. इस दौरान सत्यपाल मलिक के आवास की भी तलाशी ली गई थी.

पिछले साल उनके आवास पर सीबीआई की तलाशी के बाद उन्होंने भ्रष्टाचार के सभी आरोपों से इनकार किया था. मलिक ने कहा कि जिन लोगों पर उन्होंने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, उनकी जांच करने के बजाय एजेंसी ने उन्हें निशाना बनाया. साथ ही उन्होंने कहा था, उन्हें 4-5 कुर्ते और पायजामे के अलावा कुछ नहीं मिलेगा. तानाशाह सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग करके मुझे डराने की कोशिश कर रही है.

किन लोगों पर मामला दर्ज

उन्होंने इस दौरान कहा था, मैं एक किसान का बेटा हूं, मैं न डरूंगा और न ही झुकूंगा, उन्होंने ऑनलाइन पोस्ट किया. सीबीआई ने चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (सीवीपीपीपीएल) के तत्कालीन अध्यक्ष नवीन कुमार चौधरी, अधिकारियों एम एस बाबू, एम के मित्तल और अरुण कुमार मिश्रा और पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के साथ मामला दर्ज किया है. एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि 47वीं बोर्ड बैठक में लिए गए निर्णय का पालन नहीं किया गया और ठेका अनुचित तरीके से दिया गया.

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