सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना अब जिम्मेदारों के लिए कैश मशीन बनती हुई नजर आ रही है। रोजगार सेवक, ग्राम प्रधान एवं ब्लॉक स्तर के अधिकारियों की मिली भगत के चलते मनरेगा योजना से अपनी संपत्तियों बनाने में जुटे हुए हैं। यहां तक की इन सब फर्जीवाड़ों के लिए मास्टर रोल भी बखूबी से जारी किए जा रहे हैं।
ताजा मामला विकासखंड पुरनपुर के ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजनान्तर्गत प्रतिदिन लूट-मार जारी हैं। कही सिर्फ कुछ श्रमिकों को लगाकर खानापूर्ति की जा रही है और कही मस्टररोल जारी करा कर बिना कार्य कराये ही 61 श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज की जा रही है। विकासखंड की ग्राम पंचायत लालपुर ता माधौटांडा में कढ़ेराम के खेत से नहर तक चकमार्ग पर मिट्टी का कार्य कराया जा रहा है जहां सिर्फ़ 28 श्रमिक ही मौके पर कार्य करते नजर आये लेकिन रोजगार सेवक द्वारा 8 मस्टररोल में 75 श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज कर दी गई। वही ग्राम पंचायत ग्रांट नंबर 1 ऊर्फ बानगंज में पाजू सिंह के खेत से फौजा सिंह के खेत तक चकमार्ग पर मिट्टी कार्य कराया जा रहा है। जो कि सिर्फ कागजों में सिमटा नजर आ रहा है। जहां धरातल पर कोई भी कार्य नहीं हो रहा हैं और ना हीं कोई श्रमिक कार्य करता हुआ दिखाई दिया। रोजगारसेवक प्रतिदिन जारी किये गये 7 मस्टररोल में 65 श्रमिकों की फर्जी उपस्थिति दर्ज कर सरकारी धन को खूब नुकसान पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।
इस संबंध में जब अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी पूरनपुर आदर्श कुमार वर्मा से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनके द्वारा फोन नहीं रिसीव किया गया। ऐसे में यह कहना कोई दोहराय नहीं अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी ने रोजगार सेवकों को अपना कमाऊ पूत बनकर उनको अपना मौन समर्थन दे रखा है।
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