जगदीश सिंह पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, किसान कांग्रेस का दीपावली संदेश "अंधकार पर प्रकाश की विजय, अन्याय पर एकजुटता की पुकार" प्रिय देशवासियो, मेरे प्यारे किसान भाइयों, मजदूर साथियों, दलित और वंचित वर्ग के जनप्रतिनिधियों, छोटे व्यापारियों, युवाओं और देश की मेहनतकश जनता — आप सभी को दीपों के इस


जगदीश सिंह पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, किसान कांग्रेस का दीपावली

"अंधकार पर प्रकाश की विजय, अन्याय पर एकजुटता की पुकार"

प्रिय देशवासियो,
मेरे प्यारे किसान भाइयों, मजदूर साथियों, दलित और वंचित वर्ग के जनप्रतिनिधियों, छोटे व्यापारियों, युवाओं और देश की मेहनतकश जनता — आप सभी को दीपों के इस पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।

दीपावली का पर्व हमारे जीवन में केवल दीये जलाने या मिठाई बांटने का अवसर नहीं है, बल्कि यह उस ऐतिहासिक परंपरा का प्रतीक है, जो अंधकार पर प्रकाश की, असत्य पर सत्य की और अन्याय पर न्याय की विजय का प्रतीक है। आज जब हम अपने घरों और गलियों को रोशनी से सजाते हैं, तब हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि असली दीपावली तभी होगी जब हमारे देश का किसान खुशहाल होगा, मजदूर को उसका हक मिलेगा, नौजवान को रोजगार मिलेगा, व्यापारी को सम्मान मिलेगा और गरीब परिवार को रोटी, कपड़ा और मकान का अधिकार मिलेगा।

आज का भारत एक विचित्र मोड़ पर खड़ा है। एक ओर चकाचौंध, बड़ी-बड़ी बातों और झूठे वादों की रोशनी बिखेरी जा रही है, दूसरी ओर गांवों की गलियों में अंधकार फैला हुआ है — किसान आत्महत्या कर रहा है, मजदूर पलायन कर रहा है, व्यापारी कर्ज के बोझ तले दबा है, और नौजवान बेरोजगारी के कारण निराशा में जी रहा है।

मैं इस दीपावली पर यह कहना चाहता हूँ कि जब तक यह आर्थिक और सामाजिक अंधकार मिट नहीं जाता, तब तक किसी भी दीये की लौ अधूरी है। यह समय दीप जलाने के साथ-साथ विचारों की मशाल जलाने का है।

आज देश में जिस प्रकार की नीतियाँ अपनाई जा रही हैं, वे सीधे तौर पर किसानों और आम जनता के हितों के विरुद्ध हैं। भाजपा सरकार ने अपने वादों के विपरीत, उन वर्गों को हाशिये पर धकेल दिया है, जिन्होंने देश की नींव रखी है। किसान, जो इस देश का अन्नदाता है, वही आज अपनी फसल का उचित मूल्य पाने के लिए सड़कों पर आंदोलन करने को मजबूर है।

दीपावली का यह पर्व हमें याद दिलाता है कि राम ने रावण का वध किया, अर्थात् असत्य और अन्याय पर विजय प्राप्त की। लेकिन आज हमारे देश में रावण का रूप बदल गया है — अब रावण किसी लंका में नहीं, बल्कि नीतियों में, भ्रष्टाचार में, और सत्ता के अहंकार में छिपा हुआ है।

आज यह समय है कि हम सब मिलकर इन नीतिगत रावणों का अंत करें। दीपावली हमें यह सिखाती है कि हर अंधकार, चाहे वह कितना भी गहरा क्यों न हो, एक दीये की लौ से मिटाया जा सकता है — लेकिन वह दीया तभी जलता है जब उसमें ईंधन के रूप में साहस, एकजुटता और संघर्ष की भावना होती है।

मित्रो, मैं किसान कांग्रेस के एक सिपाही के रूप में, और इस देश की मिट्टी में जन्मे एक साधारण व्यक्ति के रूप में, आप सबसे कहना चाहता हूँ — आज जरूरत है एकजुटता की, न कि केवल उत्सव की। हमें केवल दीप जलाने नहीं, बल्कि सिस्टम के अंधकार को चुनौती देने की जरूरत है।

किसानों की बात करें तो आज उनकी स्थिति अत्यंत दयनीय है। बढ़ती लागत, घटते दाम, और प्राकृतिक आपदाओं के बीच वे दोहरी मार झेल रहे हैं। सरकार बड़े उद्योगपतियों के कर्ज माफ करती है, लेकिन किसानों के लिए कर्ज माफी की बात आने पर बजट नहीं, बहाने निकलते हैं। क्या यह न्याय है? क्या यह वही भारत है, जिसका सपना गांधी, नेहरू और पटेल ने देखा था?

आज गांवों में दीपावली का उत्साह पहले जैसा नहीं रहा। जहां पहले लोग खुशियों में दीये जलाते थे, अब वहां चिंता की लौ जल रही है। हजारों परिवार ऐसे हैं जिनके घरों में इस दीपावली भी अंधेरा रहेगा क्योंकि उनके बेटे ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। यह किसी त्योहार का नहीं, बल्कि हमारी नीति की असफलता का प्रतीक है।

मैं भाजपा सरकार से पूछना चाहता हूँ — आपने किसानों से वादा किया था कि हर फसल का डेढ़ गुना मूल्य देंगे, फसल बीमा योजना को सशक्त करेंगे, रोजगार के अवसर बढ़ाएंगे। लेकिन आज न तो किसानों को न्याय मिला, न युवाओं को रोजगार, और न ही देश की जनता को राहत।

इस दीपावली पर मैं जनता से कहना चाहता हूँ — दीये तो हर घर में जलेंगे, पर एक दीया सत्य के नाम पर, एक संघर्ष के नाम पर, और एक न्याय के नाम पर जरूर जलाइए।

हम सब जानते हैं कि भाजपा सरकार ने गरीबों के नाम पर जो वादे किए, वे महज़ एक राजनीतिक तमाशा बनकर रह गए। किसान आज भी अपने अधिकारों के लिए दिल्ली की सीमाओं पर संघर्ष की याद में आंसू बहा रहा है, मजदूर अब भी न्यूनतम मजदूरी के लिए तरस रहा है, व्यापारी टैक्स के बोझ में दबा है और युवाओं के हाथों में अब भी रोजगार नहीं, बल्कि बेरोजगारी का दर्द है।

मित्रो, दीपावली केवल दीयों की बात नहीं करती — यह दिलों में आशा की बात करती है। लेकिन जब तक शासन की नीतियां अमीरों के पक्ष में और गरीबों के खिलाफ रहेंगी, तब तक यह आशा अधूरी रहेगी।

कांग्रेस पार्टी और किसान कांग्रेस का यह संकल्प रहा है कि इस देश की आत्मा गांव में बसती है, किसान की हंसी में बसती है। लेकिन भाजपा की नीतियों ने उस आत्मा को घायल कर दिया है।

मैं इस अवसर पर भाजपा सरकार को यह संदेश देना चाहता हूँ — देश का अन्नदाता केवल वोट बैंक नहीं है, वह भारत की रीढ़ है। यदि किसान कमजोर होगा तो यह देश कभी मजबूत नहीं हो सकता।

इस दीपावली पर मैं सभी देशवासियों से यही अपील करता हूँ —
आइए, दीप जलाएं लेकिन साथ ही यह संकल्प लें कि अब हम अन्याय, शोषण और असमानता के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करेंगे।

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