मुख्यमंत्री आरोग्य मेला मे फार्मासिस्ट कर रहे इलाज  स्वास्थ्य शिविर मात्र औपचारिकता


मुख्यमंत्री आरोग्य मेला मे फार्मासिस्ट कर रहे इलाज 
स्वास्थ्य शिविर मात्र औपचारिकता

गोरखपुर पीपीगंज नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) पर आज रविवार को आयोजित मुख्यमंत्री आरोग्य मेला स्वास्थ्य शिविर डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण फिर से सवालों के घेरे में आ गया है। सरकारी दिशा-निर्देशों के स्पष्ट प्रावधान के बावजूद, यह कार्यक्रम बिना किसी चिकित्सक के मात्र औपचारिकता बनकर रह गया, जिससे ग्रामीणों में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर निराशा बढ़ गई है।मुख्यमंत्री आरोग्य मेला योजना के तहत हर रविवार को राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त स्वास्थ्य जांच, दवा वितरण और जागरूकता शिविर आयोजित किए जाते हैं। इस योजना का उद्देश्य दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुलभ बनाना है, लेकिन डॉक्टरों की लगातार अनुपस्थिति ने इसे धरातल पर विफल साबित कर दिया है। आज के शिविर में भी कोई डॉक्टर या विशेषज्ञ उपस्थित नहीं था, जबकि स्थानीय निवासियों ने दर्जनों मरीजों की जांच के लिए पहुंचने की उम्मीद की थी। एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "हम दूर-दूर से आते हैं, लेकिन डॉक्टर न होने से क्या फायदा? यह तो बस कागजों पर ही चल रहा है।"स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सरकारी दिशा-निर्देशों में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि ऐसे शिविरों में कम से कम एक चिकित्सक की उपस्थिति अनिवार्य है। मुख चिकित्सा अधिकारी गोरखपुर डॉ. राजेश झा ने बताया कि डॉ छुट्टी पर हैं और दुसरे डॉ की व्यवस्था की जायेगी। हालांकि, स्थानीय स्तर पर यह समस्या पुरानी है, जहां स्टाफ की कमी है।विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ऐसी योजनाओं को प्रभावी बनाना है, तो निगरानी तंत्र को मजबूत करना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी पहले से ही एक बड़ी चुनौती है, और ऐसे उल्लंघनों से जनता का विश्वास और कमजोर होता जा रहा है।

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