दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की पीट-पीट कर हत्या


उत्तर प्रदेश के रायबरेली में दो अक्तूबर को एक दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की पीट-पीट कर हत्या हुई. हरिओम वाल्मीकि रायबरेली के पड़ोसी ज़िले फतेहपुर के तुरवली का पुरवा के निवासी थे.

रायबरेली के पुलिस अधीक्षक यश वीर सिंह ने बताया कि हादसे के दिन गांव वालों ने चोरी के शक़ में युवक से मारपीट की थी.

उन्होंने कहा, "हरिओम थाना ऊंचाहार के ग्राम जमुनापुर में घूमता हुआ पाया गया. गांव वालों ने सोचा ये चोरी के उद्देश्य से गांव में घुसा है. इसी को लेकर भीड़ इकट्ठा हो गई और गांव के लोगों ने उसके साथ मार-पीट शुरू कर दी. वो खुद को एक्सप्लेन नहीं कर पाया और इससे लोगों को ज्यादा शक़ हुआ और लोगों ने उसको पीटना शुरू कर दिया था."

मृतक युवा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ गई है. इसके मुताबिक़ मौत की वजह रक्त स्राव और शॉक है. रिपोर्ट के मुताबिक सख़्त और गैर-धारदार सामान से हमला किया गया था.

जब हम हरिओम वाल्मीकि के घर पहुंचे तो देखा मां केवला देवी चारपाई पर बेसुध लेटी हैं और पिता गंगादीन वाल्मीकि पथराई आंखों से एक टक दरवाजे से आने-जाने वालों को निहार रहे हैं.

परिवार में दो बहनों के बीच हरिओम बड़े भाई थे जिसे अब परिवार ने खो दिया है. छोटा बेटा दिहाड़ी मजदूर है. पिता सदर अस्पताल में सफाईकर्मी थे और अब रिटायर हैं और घर में एक छोटी किराना दुकान चलाते हैं.उत्तर प्रदेश के रायबरेली में दो अक्तूबर को एक दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की पीट-पीट कर हत्या हुई. हरिओम वाल्मीकि रायबरेली के पड़ोसी ज़िले फतेहपुर के तुरवली का पुरवा के निवासी थे.

रायबरेली के पुलिस अधीक्षक यश वीर सिंह ने बताया कि हादसे के दिन गांव वालों ने चोरी के शक़ में युवक से मारपीट की थी.

उन्होंने कहा, "हरिओम थाना ऊंचाहार के ग्राम जमुनापुर में घूमता हुआ पाया गया. गांव वालों ने सोचा ये चोरी के उद्देश्य से गांव में घुसा है. इसी को लेकर भीड़ इकट्ठा हो गई और गांव के लोगों ने उसके साथ मार-पीट शुरू कर दी. वो खुद को एक्सप्लेन नहीं कर पाया और इससे लोगों को ज्यादा शक़ हुआ और लोगों ने उसको पीटना शुरू कर दिया था."

मृतक युवा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ गई है. इसके मुताबिक़ मौत की वजह रक्त स्राव और शॉक है. रिपोर्ट के मुताबिक सख़्त और गैर-धारदार सामान से हमला किया गया था.

जब हम हरिओम वाल्मीकि के घर पहुंचे तो देखा मां केवला देवी चारपाई पर बेसुध लेटी हैं और पिता गंगादीन वाल्मीकि पथराई आंखों से एक टक दरवाजे से आने-जाने वालों को निहार रहे हैं.

परिवार में दो बहनों के बीच हरिओम बड़े भाई थे जिसे अब परिवार ने खो दिया है. छोटा बेटा दिहाड़ी मजदूर है. पिता सदर अस्पताल में सफाईकर्मी थे और अब रिटायर हैं और घर में एक छोटी किराना दुकान चलाते हैं.

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