अलवर के राजस्थान बहरोड जिले में600 साल मनसा माता मंदिर स्थित है l माता ने ग्वाले को दिए थे दर्शन l हर साल लाखो श्रद्धालु आते हैं मन्नत मांगने l
नवरात्रों के दौरान मंदिर में देशभर से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं l
अलवरदिल्ली जयपुर हाईवे पर अलवर जिले के बहरोड़ पर दहमी हम्जापुर 21 बीघा परिसर में स्थित मनसा माता का ऐतिहासिक मंदिर देशभर के लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है l यहां पर साल में दो बार भरने वाले मेले में लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन कर मन्नत मांगते हैं l और अपनी मनोकामना पूरी करते हैं l पंडित राजेंद्र ने बताया मंदिर में आज भी संवत1437 मैं चढ़ाया काशय ताम्र का घंटा लगा है मंदिर की मान्यता है कि मंदिर करीब 6:30 साल पुराना है l उस समय ग्वाले को माता केरकी झाड़ी में दर्शन दिए l ग्वाले ने यहां पर मंदिर की स्थापना की और ज्योति प्रजलितकी यह ज्योति तभी से अखंड रूप में प्रजवलित हैं l मंदिर के बारे में यह मानता है कि माता सच्चे मन से आने वाले भक्तों की हर मंशा पूरी करती है जिससे यहां पर जन्म पर नवजात बच्चे और नव विवाहित जोड़ों की जात लगती है l मंदिर में साल भर तक धार्मिक कार्यक्रम आयोजन चलता रहता है l
देशभर से आते हैं श्रद्धालु l
मंदिर में मेले के दौरान देशभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं l मान्यता है कि यहां मेले के दौरान नवजात बच्चों को दर्शन करने से वह सभी बीमारियों से दूर रहते हैं l और नव विवाहित जोड़ों को यहां सदा खुश रहने की कामना करने के लिए माता के दर्शन करने आते हैं l यह मंदिर देवी शक्ति को समर्पित सबसे पवित्र हिंदू मंदिर में से एक है दहमी मनसा देवी माता रानी और वैष्णवी के रूप में जानी जाती है l मनसा देवी देवी दुर्गा का एक रूप है l यहां नवरात्रि मेले के अवसर पर मंदिर में उत्सव मनाया जाता है l और यह मंदिर राजस्थान राज्य के जिला कोटपूतली बहरोड दहमी गांव और बडौदा शहर के पास है यहां उत्तरी भारत में पूजा के सबसे प्रतिष्ठा स्थान में से एक है
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