बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में RCB की जीत का जश्न मनाने गए लोगों के घर मातम छा गया. इसी को लेकर सोशल मीडिया पर दिल चीर देने वाला एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसको देखकर हर किसी की आंखे नम हो रही हैं. वीडियो में एक पिता अपने बेटे की क्रब से लिपटकर रो रहा है और लोगों से कह रहा है कि उसे अपने बेटे के पास से कहीं नहीं जाना हैं.
कर्नाटक के चिन्नास्वामी स्टेडियम में एक तरफ जहां RCB 18 साल बाद मिली जीत का जश्न मना रही थी, वहीं दूसरी तरफ स्टेडियम के बाहर मौत का तांडव मचा हुआ था. यह दिन उन दर्दनाक यादों में से एक बन गया , जिनको याद कर उन 11 परिवारों के दिल दहल जाते हैं.
‘मैं बेटे को छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा’
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो हासनपुर का है. इसमें एक पिता अपने बेटे की जुदाई का गम बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है. वह अपनी बेटे की कब्र से लिपटकर रो रहा है. जब कुछ लोग उसे हटाने का प्रयास कर रहे हैं, तो वह उन लोगों से कहता है कि मैं भी यही रहना चाहता हूं…प्लीज मुझे यहीं रहने दो. मृतक का नाम भौमिक लक्ष्मण है, बेटे की याद में रो रहे पिता का नाम बीटी लक्ष्मण है. यह सिर्फ एक पिता की कहानी नहीं है. बल्कि हर एक पिता की कहानी है जिसने इस भगदड़ अपने बेटे या बेटी को खोया है.
बेटे के लिए खरीदी थी जमीन, उसी पर बनाई कब्र
भूमिक के दुखी पिता ने बताया कि जिस जमीन पर भूमिक की कब्र बनी है, वह जमीन मैंने अपने बेटे के भविष्य के लिए खरीदी थी. मुझे उसी जमीन पर अपने बेटे का मेमोरियल बनाना पड़ा. भूमिक के पिता ने कहा कि जो मेरे साथ हुआ है, भगवान न करे किसी के साथ भी हो. भूमिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था और वह फाइनल ईयर का स्टूडेंट था.
बीजेपी ने सीएम को टैग कर डाला वीडियो
कर्नाटक बीजेपी ने यह वीडियो अपने एक्स पर शेयर किया. उन्होंने कर्नाटक सरकार से सवाल करते हुए कहा कि क्या आप इस पिता को उसका बेटा वापस दे सकते हैं, जो अपने बेटे की कब्र के सामने बैठकर रो रहा है? उन्होंने लिखा, ‘हत्यारे सीएम सिद्धारमैया, हत्यारे डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार. अगर आपने मन बना लिया होता, तो आप अपने बच्चों और पोते-पोतियों के साथ एक आलीशान होटल में कप के साथ फोटो खिंचवा सकते थे. लेकिन विधान सौधा की सीढ़ियों पर फोटो खिंचवाने की आपकी जिद ने 11 परिवारों को हर दिन आंसुओं से हाथ धोने पर मजबूर कर दिया है.’
KSCA ने राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेदार
कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) ने राजनेताओं की आलोचना करते हुए दावा किया कि यह दुर्घटना एक अप्रत्याशित घटना थी और RCB की जीत का जश्न मनाना राज्य सरकार का फैसला था न की क्रिकेट संघ का. इसीलिए सरकार अपनी गलती को स्वीकार करे.
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