पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव है. विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है और पाला बदल का खेल शुरू हो गया है. बुधवार को कांग्रेस के पूर्व विधायक शंकर मालाकार औपचारिक रूप से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये. शंकर मालाकार का कांग्रेस छोड़ना पार्टी के लिए उत्तर बंगाल में बड़ा धक्का माना जा रहा है. दूसरी ओर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने मुर्शिदाबाद में तृणमूल कांग्रेस में सेंध लगाई और तृणमूल नेता कार्तिक साहा सहित लगभग तीन दर्जन से अधिक तृणमूल कांग्रेस समर्थक कांग्रेस में शामिल हो गये.
दक्षिण बंगाल के साथ-साथ तृणमूल अब उत्तर बंगाल पर भी कड़ी नजर रख रही है. तृणमूल कांग्रेस ने पहले ही भाजपा के नेता जॉन बारला को तृणमूल कांग्रेस में शामिल करवाया था.
इस बार शंकर मालाकार ने कांग्रेस छोड़ दी है. दो बार के कांग्रेस विधायक तृणमूल भवन में पार्टी के राज्य सचिव सुब्रत बख्शी और मंत्री अरूप बिस्वास की मौजूदगी में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये.
उत्तर बंगाल में कांग्रेस के हैवीवेट नेता तृणमूल में शामिल
शंकर मालाकार 2011 से 2021 तक माटीगाड़ा नक्सलबाड़ी के विधायक थे. वे करीब 20 साल तक जिला कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस के भीतर उनकी संगठनात्मक शक्ति पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता. शंकर मालाकार का कांग्रेस छोड़ना चुनाव से पहले अधीर चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष शुभंकर के लिए एक बड़ा ‘झटका’ माना जा रहा है.
शंकर मालाकार के टीएमसी में शामिल होने पर सुब्रत बख्शी ने कहा कि इससे न सिर्फ तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को ऑक्सीजन मिलेगी, बल्कि पार्टी की ताकत भी बढ़ेगी. सुब्रत बख्शी ने कहा, “वह 15 वर्षों तक दार्जिलिंग जिले के जिला अध्यक्ष रहे. उनके शामिल होने से जमीनी स्तर पर संगठन मजबूत होगा.”
अरूप बिस्वास का कहना है कि पार्टी नेता के निर्देश पर उन्होंने शंकर मालाकार को तृणमूल कांग्रेस में शामिल किया था. दूसरी ओर, शंकर ने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होकर अकेले ही भाजपा का मुकाबला किया. उनका कहना है कि भाजपा उत्तर बंगाल में उत्पात मचा रही है. कभी वे कामतापुरी, गोरखालैंड, तो कभी उत्तर बंगाल को बांटना चाहते हैं. कांग्रेस के अंदर रहकर भाजपा से लड़ना संभव नहीं है. इसलिए वह टीएमसी में शामिल हुए हैं.
अधीर ने मुर्शिदाबाद में तृणमूल में लगाई सेंध
दूसरी ओर, मुर्शिदाबाद में अधीर चौधरी लगातार अपनी ताकत बढ़ा रहे हैं. बुधवार को कार्तिक साहा सहित पचास से अधिक कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ तृणमूल छोड़कर कांग्रेस में लौट आए. कार्तिक बुधवार दोपहर मुर्शिदाबाद के बरहामपुर स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी का हाथ थामकर कांग्रेस में वापस लौट आए.
कार्तिक साहा पहले कांग्रेस में थे, लेकिन 2022 में वह कांग्रेस छोड़कर तृणमूल में शामिल हो गए थे पार्टी बदलने से पहले वह शहर कांग्रेस के अध्यक्ष थे. हालांकि, तृणमूल में शामिल होने के बाद भी उन्हें पदोन्नति दी गई. उन्हें शहर तृणमूल का उपाध्यक्ष पद दिया गया. जिले के राजनीतिक हलकों में कार्तिक के अधीर का हाथ थामकर कांग्रेस में वापसी को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. कार्तिक का कहना है कि 2022 में नगर निगम बोर्ड के कार्यभार संभालने के बाद से उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। इसलिए घर वापस लौट आए हैं.
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