कसम हमें है भीम राव की चौदह अप्रैल मनाएंगे


कसम हमें है भीम राव की
चौदह अप्रैल मनाएंगे।
घर घर से निकलेंगे बहुजन
सौ सौ दिया जलाएंगे।।
इतिहास रचेंगे दीप जला कर
रोशन करेंगे निज तन मन ।
देखेंगे दुनिया वाले सब
हर्षित होगा जन गण मन।।
बहुजन महापुरुष हैं कहते
अब तो जागो भोर हुआ ।
संवैधानिक अधिकार लीजिए
गली गली में शोर हुआ।।
पाखंडी दिन चर्या त्यागो
बुद्ध धम्म स्वीकार करो।
शिक्षित होकर विश्व पटल पर
भीम भीम उच्चार करो।।
संविधान की रक्षा करिए
अधिकारों हित संघर्ष करो।
समानता मैत्री फैलाओ
प्रेम प्यार उत्कर्ष करो।।
वैज्ञानिक सच्चाई मानों
जिसकी कोई काट नहीं।
पशु से विकसित मानव हो तुम
इससे कोई विराट नहीं।।
धर्म शास्त्र में भरी विषमता
स्वर्ग नर्क का धोखा है।
सारा है परिणाम सामने
किसने तुमको रोका है।

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