छठ पूजा की पूरी समय-सारिणी और व्रत विधि एक स्पष्ट चार्ट में प्रस्तुत है: दिन नाम क्रियाएँ विशेषताएँ / महत्व Day 1 नहाय-खाय - व्रती गंगा या पवित्र जल में स्नान करते हैं - शुद्ध और हल्का भोजन ग्रहण करते हैं व्रत की शुरुआत, शरीर और मन की शुद्धि Day 2 खरना - व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते


छठ पूजा की पूरी समय-सारिणी और व्रत विधि एक स्पष्ट चार्ट में प्रस्तुत है:

दिननामक्रियाएँविशेषताएँ / महत्व
Day 1नहाय-खाय- व्रती गंगा या पवित्र जल में स्नान करते हैं
- शुद्ध और हल्का भोजन ग्रहण करते हैं
व्रत की शुरुआत, शरीर और मन की शुद्धि
Day 2खरना- व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं
- मिट्टी के चूल्हे पर प्रसाद तैयार किया जाता है (गुड़, चावल, केला आदि)
- प्रसाद ग्रहण करके व्रती उपवास के लिए तैयार होते हैं
प्रसाद ऊर्जा और ताकत देता है, उपवास का आरंभ
Day 3 (संध्या)अस्ताचलगामी सूर्य अर्घ्य- अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है
- व्रती घाट पर पवित्र जल में पूजा करते हैं
सूर्य देव को अर्घ्य, श्रद्धा और संयम का प्रतीक
Day 4 (प्रातः)उदयीमान सूर्य अर्घ्य- उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है
- व्रती उपवास समाप्त करते हैं
व्रत समापन, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना

महत्वपूर्ण बातें:

व्रती इस दौरान ताजगी और संयम बनाए रखते हैं।

खरना का प्रसाद व्रती के शरीर को ऊर्जा देता है ताकि निर्जला व्रत पूरी तरह निभाया जा सके।

छठ पूजा प्राकृतिक चक्र (सूर्य) और शुद्धता के प्रतीक के रूप में मनाई जाती है।

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