राकेश किशोर की सदस्यता समाप्त की, सुप्रीम कोर्ट में प्रवेश नहीं कर सकेंगे


सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने गुरुवार को वकील राकेश किशोर की सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी, जिन्होंने कोर्ट रूम के अंदर भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की ओर कोई जूता फेंकने का प्रयास किया था. उन्हें गंभीर कदाचार का दोषी पाते हुए, उनकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई.

किशोर ने सुरक्षा व्यवस्था का उल्लंघन करते हुए मुख्य न्यायाधीश की ओर जूता फेंकने का प्रयास किया और सनातन धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे चिल्लाते हुए सुने गए. बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कुमार का बार लाइसेंस पहले ही निलंबित कर दिया था. SCBA ने कहा कि किशोर का निंदनीय, अव्यवस्थित और असंयमित व्यवहार न्यायिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला और पेशेवर नैतिकता, शिष्टाचार और सुप्रीम कोर्ट की गरिमा का गंभीर उल्लंघन है.

संबंधों पर हमला
एससीबीए ने एक प्रस्ताव में कहा, "कार्यकारी समिति का मानना ​​है कि उक्त आचरण न्यायिक स्वतंत्रता, अदालती कार्यवाही की पवित्रता और बार बेंच के बीच आपसी सम्मान के साथ-साथ विश्वास के लंबे समय से चले आ रहे संबंध पर सीधा हमला है.एससीबीए ने आगे कहा, "कार्यकारी समिति, इस घटना और इस तरह के कदाचार की गंभीरता पर विधिवत विचार-विमर्श करने के बाद इस विचार पर पहुंची है कि राकेश किशोर का एससीबीए के अस्थायी सदस्य के रूप में बने रहना इस संघ के सदस्यों से अपेक्षित गरिमा और अनुशासन के बिल्कुल विपरीत होगा."

एससीबीए ने संकल्प लिया
एससीबीए के प्रस्ताव में कहा गया है कि यह भी संकल्प लिया गया है कि इसे आवश्यक जानकारी और रिकॉर्ड के लिए बार के सदस्यों और अधिकारियों के बीच प्रसारित किया जाए. प्रस्ताव के मुताबिक यह भी संकल्प लिया जाता है कि अगर उनका एससीबीए सदस्यता कार्ड जारी किया गया है, तो उसे तत्काल रद्द कर दिया जाएगा और जब्त कर लिया जाएगा. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के के महासचिव को एक पत्र भेजा जाएगा, जिसमें अनुरोध किया जाएगा कि उन्हें जारी किया गया निकटता प्रवेश कार्ड तुरंत रद्द कर दिया जाए.

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