सोशल मीडिया पर देश के चीफ जस्टिस पर घृणित पोस्ट करने वालों पर पंजाब पुलिस की कार्रवाई तेज
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नई दिल्ली: विपक्षी नेताओं ने भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर हमले के प्रयास की कड़ी निंदा की. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि यह शर्मनाक कृत्य समाज में व्याप्त घृणा, दुराग्रह और कट्टरता को दर्शाता है. ज्ञात हो कि सोमवार (6 अक्टूबर) को 71 वर्षीय वकील राकेश किशोर ने अदालत
नई दिल्ली: विपक्षी नेताओं ने भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर हमले के प्रयास की कड़ी निंदा की. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि यह शर्मनाक कृत्य समाज में व्याप्त घृणा, दुराग्रह और कट्टरता को दर्शाता है.
ज्ञात हो कि सोमवार (6 अक्टूबर) को 71 वर्षीय वकील राकेश किशोर ने अदालती कार्यवाही के दौरान मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक लिया. वकील राकेश किशोर के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है. लेकिन बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने उनका लाइसेंस निलंबित कर दिया है.
इसे अभूतपूर्व, शर्मनाक और घृणित बताते हुए कि यह घटना न्यायपालिका की गरिमा और कानून के शासन पर हमला है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब एक वर्तमान मुख्य न्यायाधीश, जो अपनी योग्यता, निष्ठा और दृढ़ता के बल पर देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर पहुंचे हैं, को इस तरह निशाना बनाया जाता है, तो यह एक बेहद विचलित करने वाला संदेश देता है.
खरगे ने एक्स पर लिखा, ‘यह उस व्यक्ति को धमकाने और अपमानित करने की कोशिश को दर्शाता है जिसने संविधान की रक्षा के लिए सामाजिक बंधनों को तोड़ा है. इस तरह का मूर्खतापूर्ण कृत्य दर्शाता है कि पिछले एक दशक में हमारे समाज में नफरत, दुराग्रह और कट्टरता किस कदर व्याप्त हो गई है.’
वहीं, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बयान में कहा कि इस हमले की निंदा करने के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा, ‘यह न केवल उन पर, बल्कि हमारे संविधान पर भी हमला है. मुख्य न्यायाधीश गवई बहुत दयालु रहे हैं, लेकिन पूरे देश को गहरी पीड़ा और आक्रोश के साथ उनके साथ एकजुटता से खड़ा होना चाहिए.’
पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल, जो एक निर्दलीय राज्यसभा सदस्य हैं, ने कहा कि ‘सुप्रीम कोर्ट बार के एक सदस्य के असभ्य व्यवहार की सभी को सार्वजनिक रूप से निंदा करनी चाहिए क्योंकि यह न्यायालय की गरिमा का अपमान है.’
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव डी. राजा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि हमले का प्रयास केवल एक न्यायाधीश पर हमला नहीं था, बल्कि पूरी न्यायपालिका के सामने भारत के संविधान के बजाय दक्षिणपंथी आचार संहिता का पालन करने की चुनौती थी.
राजा ने कहा, ‘हमलावर के बयानों से स्पष्ट है कि किस विचारधारा से इतनी नफ़रत फैलती है. दक्षिणपंथ द्वारा फैलाया गया सांप्रदायिक और जातिवादी ज़हर इस हद तक पहुंच गया है कि मुख्य न्यायाधीश, जो एक दलित न्यायाधीश हैं, को भी खुलेआम निशाना बनाया जा रहा है. समाज में न्याय की खातिर इस मानसिकता को उजागर, अलग-थलग और पराजित किया जाना चाहिए.’
एक बयान में सीपीआई(एम) पोलित ब्यूरो ने मुख्य न्यायाधीश को निशाना बनाने वाले वकील के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. पार्टी ने कहा, ‘भाजपा के मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों और नेताओं द्वारा जातिवादी, मनुवादी और सांप्रदायिक विचारों को बढ़ावा देने वाले हालिया बयानों ने इस तरह के कृत्यों को बढ़ावा दिया है. यह घटना हिंदुत्ववादी सांप्रदायिक ताकतों द्वारा समाज में फैलाए जा रहे मनुवादी और सांप्रदायिक ज़हर का एक और उदाहरण है. यह संघ परिवार की असहिष्णुता और उनकी विचारधारा के विपरीत किसी भी विचार को स्वीकार करने की अनिच्छा को भी दर्शाता है.’
इसी तरह केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एक्स पर कहा कि ‘यह चिंताजनक घटना संघ परिवार द्वारा फैलाई गई नफरत का प्रतिबिंब है.’
उन्होंने कहा, ‘इसे एक व्यक्तिगत कृत्य बताकर खारिज करना असहिष्णुता के बढ़ते माहौल की अनदेखी करना है. जब सांप्रदायिक कट्टरता भारत के मुख्य न्यायाधीश तक को निशाना बनाने की हिम्मत करती है, तो यह इस विभाजनकारी और ज़हरीली राजनीति के गंभीर ख़तरे को उजागर करता है जिसका बिना किसी हिचकिचाहट के सामना किया जाना चाहिए
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पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने सोशल मीडिया पर देश के चीफ जस्टिस बीआर गवई और दलित समाज के खिलाफ फैल रही आपत्तिजनक और घृणित टिप्पणियों पर कड़ा रुख अपनाया है. सरकार ने लोगों की शिकायतों के आधार पर पंजाब पुलिस को निर्देश दिए, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के कई शहरों में ग़ैर ज़मानती धाराओं म
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