शहीद ए आज़म भगत सिंह को सादर कोटि कोटि नमन एवं आदरांजलि ।


शहीद ए आज़म भगत सिंह 
को सादर कोटि कोटि नमन एवं आदरांजलि ।
जयंती 28 सितम्बर,
जन्म 28 सितम्बर, 1907

मैं नास्तिक इसलिए नहीं हूं कि मुझे किसी धर्म से नफरत है बल्कि मैं नास्तिक इसलिए हूं कि धर्म को इंसानियत से नफरत है।"

1. "अगर भगवान होता तो हम अंग्रेजों या मुगलों के गुलाम न होते। मैं ईश्वर को नहीं, इंसान के संघर्ष को मानता हूँ।"

2. "मंदिर-मस्जिद में भगवान ढूंढने वाले आज भी जेलों में बंद और बेड़ियों में जकड़े हुए हैं, क्रांति को पूजने वाले ही आज़ाद होते हैं।"

3. "नास्तिक होना गुनाह नहीं है, लेकिन अंधविश्वासी होकर ज़ुल्म सहना गुनाह है।"

4. "स्वर्ग का लालच और नर्क का डर – यही धर्म की ठगी है। मैं इंसानियत और बराबरी को ही धर्म मानता हूँ।"

5. "ईश्वर को खोजने वाले पत्थरों से टकरा जाते हैं, लेकिन समाज को बदलने वाले तोपों से टकरा जाते हैं।"

6. "मुझे मंदिर की घंटियों से नहीं, क्रांति की गूंज से शक्ति मिलती है, मंदिरों की घंटियां बजाने से बदलाव नहीं आता तर्क और क्रांति से बदलाव आता है।"

7. "धरती पर भगवान नहीं आया किसी को बचाने, हर लड़ाई खुद इंसान ने अपने खून से जीती है।"

8. "अगर अन्याय के खिलाफ लड़ना नास्तिकता है
तो मैं गर्व से कहता हूं कि मैं नास्तिक हूँ।"

9. "वह मुझे मार सकते हैं, लेकिन वह मेरे विचारों को नहीं मार सकते।"

10. "तर्क किए बिना किसी भी बात को आंख मूंदकर मान लेना भी एक प्रकार की गुलामी है।"

भगत सिंह के यह विचार हमें अपनी सोच को हमेशा आजाद रखने की प्रेरणा देते हैं। हमें हर बात पर सवाल करना चाहिए और सत्य को खुद खोजना चाहिए। उनकी यह सोच आज के युवाओं के लिए और भी प्रासंगिक है। आइए, उनकी जयंती पर हम सब उनकी सोच को अपने जीवन में अपनाएं।????????????????????????

सभी सच्चे देश भक्त भारतीयों को शहीद ए आज़म भगत सिंह की जयंती की शुभकामनाएं।


सादर,
 

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Rajesh Kumar Siddharth

राजेश कुमार सिद्धार्थ अबतक मीडिया ग्रुप के संपादक-इन-चीफ हैं, जिन्हें 25 वर्षों से अधिक का पत्रकारिता जगत में अनुभव प्राप्त है, और जो अपनी कुशल नेतृत्व क्षमता से अबतक मीडिया ग्रुप

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