एक घटना इटावा की है और दूसरी लखनऊ की। दोनों घटनाएं परिजनों को सचेत रहने का आग्रह करती हैं।


उत्तर प्रदेश में दो घटनाएं ऐसी हुई हैं जो माता-पिता और परिजनों को सचेत कर सकती हैं, खास कर उन घरों में जहां बच्चे छोटे हैं। एक घटना इटावा की है और दूसरी लखनऊ की। दोनों घटनाएं परिजनों को सचेत रहने का आग्रह करती हैं। 

 

मां के सामने तड़पते हुए तोड़ा दम

इटावा में क्रैक्स (बच्चों के खाने वाला रिंग साइज की कचरी) में निकली गेंद ने चार साल के मासूम की जान ले ली। बच्चे ने खेलते-खेलते क्रैक्स के साथ मिली गेंद  भी निगल ली। गेंद उसकी सांस नली में फंसी गई और देखते ही देखते मां की आंखों के सामने मासूम तड़पने लगा और कुछ देर बाद ही उसकी सांसें थम गईं।

 

शहर कोतवाली क्षेत्र के नौरंगाबाद सराय निवासी तस्लीम उर्फ शानू ट्रक मैकेनिक हैं। नौरंगाबाद सराय में वह पत्नी और दो बच्चों के साथ किराए पर रहते हैं। बुधवार दोपहर दो बजे तस्लीम गैरेज के लिए जा रहे थे. तभी बड़े बेटे उस्मान (4) ने कुछ चीज दिलाने की जिद्द की। तस्लीम उसे लेकर बाहर दुकान पर गया और क्रैक्स का पैकेट दिलाकर घर छोड़ दिया। क्रैक्स खाने के बाद उस पैकेट में निकली छोटी सी रबर की बॉल से उस्मान खेलने लगा। खेल-खेल में उसने बॉल मुंह में डाल ली। इसी बीच वह बॉल सांस नली में जाकर फंस गई जिससे वह छटपटाने लगा।

मां शबाना ने उस्मान को छटपाते देखा तो चीख पड़ी। मां ने बॉल निकालने का प्रयास भी किया, लेकिन बॉल निकल न सकी। कुछ ही क्षणों में उस्मान शांत हो गया। बेसुध शबाना ने पति व घर के अन्य लोगों को फोन किया। सूचना पर पहुंचे परिजन उस्मान को अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। पिता तस्लीम ने बताया कि उनके दो बेटों में उस्मान बड़ा था और एक बेटा अभी डेढ़ साल का ही है। बुधवार शाम बच्चे को कब्रिस्तान में दफना दिया गया। उस्मान की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

गले में फंसा गुब्बारा, मासूम की मौत

लखनऊ के ठाकुरगंज में खेल-खेल में मासूम की जान चली गई। फुलाते वक्त फटा गुब्बारा ढाई साल के शिवांश के गले में फंस गया। सांस लेने में तकलीफ हुई तो परिजन उसे निजी अस्पताल ले गए। हालत देखकर ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। हालांकि, यहां तक पहुंचने से पहले ही बच्चे की मौत हो गई।

ठाकुरगंज में दौलतगंज के काशी विहार फूलमती मंदिर के पास रहने वाले कैटर्स विनय गुप्ता का बेटा शिवांश बुधवार दोपहर घर के बाहर गुब्बारे से खेल रहा था। फुलाते वक्त गुब्बारा फटकर उसके गले में फंस गया। इससे सांस लेने में तकलीफ होने पर शिवांश इधर-उधर दौड़ने के बाद गिर गया। उसकी आंखें पलट गईं। परिजन उसे कमरे में ले गए और गुब्बारे को निकालने की कोशिश की, पर सफल नहीं हुए।

शिवांश को पास के निजी अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए और ट्रॉमा भेज दिया। यहां डॉक्टरों ने मासूम को मृत घोषित कर दिया। इससे परिवार में कोहराम मच गया। विनय के दूसरे बेटे की उम्र चार माह है।

बच्चों को चाइनीज खिलौने से दूर रखे

बलरामपुर अस्पताल के ईएनटी सर्जन डॉ. हिमांशु सिंह ने बताया कि सीटी, सिक्का निगलने की शिकायत के साथ बच्चे अकसर अस्पताल आते हैं। सांस की नली में फंसने पर मामला बेहद गंभीर हो जाता है। बच्चा सांस नहीं ले पा रहा और शरीर नीला पड़ रहा हो तो बिना देरी किए अस्पताल ले जाएं। चाइनीज के बजाय सिंगल पीस वाले खिलौने दें। कलाई की घड़ी में इस्तेमाल होने वाले सेल, सीटी और सिक्के बच्चों की पहुंच से दूर रखें।

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