झांसी अग्निकांड: कब थमेगा मौत का सिलसिला? अब तक 15 बच्चों की मौत; पांच माह पहले जता दी गई थी अनहोनी की आशंका
झांसी अग्निकांड: कब थमेगा मौत का सिलसिला? अब तक 15 बच्चों की मौत; पांच माह पहले जता दी गई थी अनहोनी की आशंका
महाराष्ट्र में इस बार के विधानसभा चुनाव कई बड़े क्षत्रपों का सियासी भविष्य तय कर देंगे और यह भी बता देंगे कि आने वाले दिनों में सूबे की सियासत किस तरह के रंग दिखा सकती है।
महाराष्ट्र में बुधवार को हो रहे विधानसभा चुनावों में कई क्षत्रपों का सियासी भविष्य दांव पर लगा हुआ है। NCP (SP) सुप्रीमो शरद पवार, शिवसेना नेता एवं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार अपनी-अपनी पार्टियों के लिए लोगों का वोट हासिल करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। इन चारों नेताओं के लिए ये विधानसभा चुनाव एक कड़ी परीक्षा के रूप में सामने आए हैं और इसमें चूकने वाले के सियासी भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगना लगभग तय है।असली’ के खेल में किस गुट की होगी जीत?
बता दें कि शरद पवार ने लोकसभा चुनाव में अजित पवार को बड़ा झटका दिया था जबकि उनके गुट को चुनाव आयोग ने असल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के रूप में मान्यता दी है। शरद पवार आशा कर रहे हैं कि विधानसभा चुनावों में भी वह लोकसभा चुनाव वाला इतिहास दोहराएंगे, जबकि अजित पवार अच्छे प्रदर्शन के साथ वापसी की उम्मीद कर रहे हैं। दूसरी ओर, शिवसेना के शिंदे और उद्धव गुटों की बात करें तो लोकसभा चुनाव में दोनों ने ठीक-ठाक प्रदर्शन किया था। ऐसे में जनता किसे पार्टी की विरासत का असल हकदार मानती है, इसका फैसला अब विधानसभा चुनाव के नतीजों से होने की उम्मीद है। निर्वाचन आयोग ने शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असल शिवसेना के रूप में मान्यता दी है।
महाराष्ट्र में शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SP), उद्धव की शिवसेना (UBT) और कांग्रेस विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी का हिस्सा हैं। वहीं, सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति में भारतीय जनता पार्टी के अलावा शिंदे नीत शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल हैं। बीजेपी महाराष्ट्र की 149 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि शिवसेना ने 81 और NCP ने 59 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं, कांग्रेस 101, शिवसेना (UBT) 95 और NCP (SP) 86 सीटों पर किस्मत आजमा रही हैं। शिवसेना के दोनों धड़े 50 सीटों पर आमने-सामने हैं। वहीं, NCP के प्रतिद्वंद्वी गुटों ने 37 सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारे हैं।
शिवसेना के दोनों धड़ों के बीच की लड़ाई मुख्य रूप से ‘मुंबई का बादशाह कौन’ पर केंद्रित है। दरअसल, मुंबई में पहले अविभाजित शिवसेना का दबदबा था, लेकिन अब पार्टी के दोनों गुट देश की इस आर्थिक राजधानी में आमने-सामने हैं। वहीं, चाचा-भतीजे यानी कि शरद और अजित पवार के बीच इन विधानसभा चुनावों में पश्चिमी महाराष्ट्र में कांटे की टक्कर होने का अनुमान है, जिसे पवार परिवार का गढ़ माना जाता है। शरद पवार ने अपनी चुनावी रैलियों में क्षेत्र के मतदाताओं से बागियों यानी कि अजित पवार और उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को हराने की अपील की है। वहीं, अजित पवार अपने चाचा के पक्ष में सहानुभूति की लहर पैदा होने के डर से उनके खिलाफ कठोर शब्दों का इस्तेमाल करने से बचते दिखे हैं।
बता दें कि लोकसभा चुनावों में NCP (SP) ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि NCP को महज एक सीट से संतोष करना पड़ा था। वहीं, शिवसेना (UBT) 9 सीटों पर विजयी रही थी, जबकि शिवसेना के खाते में 7 सीटें गई थीं। हालांकि विधानसभा चुनावों के मुद्दे लोकसभा चुनावों से काफी अलग है और दोनों ही गठबंधनों ने इन चुनावों में अपनी पूरी जान झोंक दी है। माना जा रहा है कि कई सीटों पर हार-जीत का अंतर काफी कम रहने वाला है, ऐसे में इन चुनावों में करीबी मुकाबला देखने को मिल सकता है। वहीं, AIMIM, BSP और समाजवादी पार्टी जैसे दलों को मिले वोट भी प्रमुख दलों के उम्मीदवारों की हार और जीत में अहम भूमिका अदा कर सकते हैं।
नवीनतम न्यूज़ अपडेट्स के लिए Facebook, Instagram Twitter पर हमें फॉलो करें और लेटेस्ट वीडियोज के लिए हमारे YouTube चैनल को भी सब्सक्राइब करें।
झांसी अग्निकांड: कब थमेगा मौत का सिलसिला? अब तक 15 बच्चों की मौत; पांच माह पहले जता दी गई थी अनहोनी की आशंका
बाह पिनाहट ब्रेकिंग न्यूज़ गुरावली में हुए पति पत्नी आपसी झगड़े में बरसा की मां ने अपने ही दामाद को गुंडे बुलाकर के पिटवाया और साथ में पूरा सामान लेकर के अपने घर को चली गई फोन पर की हुई बात की रिकॉर्डिंग से सच होता है कि वह अपने दामाद नीरज को मरवाना चाहती है नीरज &/ गबडू गुरावाल
जौनपुर कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी, जौनपुर की अध्यक्षता में किसान दिवस का आयोजन हुआ।
Leave a Comment: