Chhath Puja 2024 Sandhya Arghya : छठ पर्व के तीसरे दिन आज डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया. डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही अब कल सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती 36 घंटे के निर्जला व्रत का पारण करेंगे. जिसके बाद छठ महापर्व का समापन हो जाएगा.


Chhath Puja 2024: छठ पूजा के तीसरे दिन आज संध्या अर्घ्य देने के साथ ही तीसरे दिन की पूजा का समापन हो गया है. मान्यताओं के अनुसार, छठ के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस पूजा में मुख्य रूप से संतान सुख और परिवार के कल्याण के लिए सूर्य देव से आशीर्वाद प्राप्त करने की इच्छा की जाती है. शाम अर्घ्य देने के बाद शाम में व्रती महिलाएं व्रत कथा का पाठ भी करती हैं. कहा जाता है कि संध्या अर्घ्य देने के बाद व्रती महिलाओं को इस व्रत कथा का पाठ करना बेहद जरूरी माना जाता है. छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है. छठ का पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है. चौथे दिन सूर्य देव को सुबह का अर्घ्य देने के साथ ही इस व्रत का समापन हो जाता है.

छठ पर्व में डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का महत्व

छठ पर्व में, सूर्य देवता को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा की जाती है और शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. छठ पर्व, प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का एक अवसर है. छठ पर्व में सूर्य को अर्घ्य देकर, व्रती प्रकृति की शक्ति और महत्व को स्वीकार करते हैं.

Chhath Puja 2024

छठ पूजा में सूर्य देव की पूजा का महत्व (Chhath Pujasignificance)

छठ पर्व में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है. इस पर्व के माध्यम से लोग इन देवताओं से अपने परिवार की खुशहाली और संतान की लंबी उम्र की कामना करते हैं. छठ पूजा का मुख्य उद्देश्य सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करना होता है. सूर्य को जीवन का आधार माना गया है क्योंकि सूर्य के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है. सूर्य को जीवन, ऊर्जा, शक्ति, और संजीवनी का प्रतीक माना जाता है. इसलिए छठ पूजा के तीसरे दिन सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित कर उनके आशीर्वाद से अच्छे स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख की कामना की जाती है.

छठ पूजा का महत्व | Chhath Vrat Ka Mahatva

छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया की पूजा का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है. यह पर्व प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का एक तरीका है. छठ पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि बनी रहती है और स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है. इसके साथ ही जीवन में आने वाली परेशानियां खत्म हो जाती है और सुख की प्राप्ति होती है. चार दिन के पर्व छठ पूजा का समापन उषा अर्घ्य के साथ होता है. इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ के व्रत का पारण किया जाता है. इस दिन व्रत रखने वाले लोग सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इसके बाद व्रती सूर्य देव और छठ माता से संतान के सुखी जीवन और परिवार की सुख-शांति और सभी कष्टों को दूर करने की कामना करते हैं.

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