मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि जमीयत उलमा-ए-हिंद शुरू से कहती रही है कि धर्म के आधार पर किसी के भी साथ दुर्व्यवहार अत्याचार नहीं होना चाहिए।


देश के विभिन्न राज्यों में बुलडोजर की कार्रवाई पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई जिसमें कोर्ट ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश, महज आरोपी या दोषी होना संपत्ति के ध्वस्तीकरण का आधार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी का भी रिएक्शन भी सामने आया है। 

 

क्या बोले अरशद मदनी?

मौलाना अरशद मदनी ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर संतोष जताया है और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा है, वही बात जमीयत उलमा-ए-हिंद शुरू से कहती रही है कि धर्म के आधार पर किसी के भी साथ दुर्व्यवहार अत्याचार  नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून की नजर में सभी बराबर हैं। मदनी ने कहा कि जब दुखद तथ्य सामने आने लगे की पक्षपात के आधार पर बुलडोजर चलाया जा रहा है और कानून की आड़ में एक विशेष संप्रदाय को निशाना बनाया जा रहा है, तो जमीयत उलमा-ए-हिंद को न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। 

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि अदालत ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। इसलिए धर्म के आधार पर किसी के साथ दुर्व्यवहार की इजाजत नहीं दी जा सकती। मदनी ने आशा जताई की अदालत का एक निर्णय होगा जो गरीबों और पीड़ितों के पक्ष में होगा। उन्होंने कहा की कल सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में बस्तियों को उजाड़ने पर असम सरकार को नोटिस भेजा है। इससे यह उम्मीद हुई है की अदालत का कोई ऐसा फैसला आयेगा जो गरीबों पीड़ितो के हक में होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

बुलडोजर एक्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह संपत्तियों के ध्वस्तीकरण के मुद्दे पर न केवल किसी खास समुदाय बल्कि सभी नागरिकों के लिए गाइडलाइन जारी की जाएगी। कोर्ट ने कहा कि उसकी गाइडलाइन पूरे भारत में लागू होगी। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि वह यह स्पष्ट कर रहा है कि किसी व्यक्ति का महज आरोपी या दोषी होना संपत्ति के ध्वस्तीकरण का आधार नहीं हो सकता है।

नवीनतम न्यूज़ अपडेट्स के लिए Facebook, Instagram Twitter पर हमें फॉलो करें और लेटेस्ट वीडियोज के लिए हमारे YouTube चैनल को भी सब्सक्राइब करें।

Related Tags:

 

Leave a Comment:

महत्वपूर्ण सूचना -

भारत सरकार की नई आईटी पॉलिसी के तहत किसी भी विषय/ व्यक्ति विशेष, समुदाय, धर्म तथा देश के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी दंडनीय अपराध है। इस प्रकार की टिप्पणी पर कानूनी कार्रवाई (सजा या अर्थदंड अथवा दोनों) का प्रावधान है। अत: इस फोरम में भेजे गए किसी भी टिप्पणी की जिम्मेदारी पूर्णत: लेखक की होगी।