राजेश कुमार सिद्धार्थ संयोजक  डॉ आंबेडकर महसघ


एससी एसटी ओबीसी का मात्र एक ही मसीहा डॉ अंबेडकर
   सम्भव है मानव शरीर में कुछ लोगों ने अवतार लिया हो, किसी जाति विशेष के उत्थान, उनकी सर्वोच्चता स्थापित करने के पुनीत कार्य में संलिप्त रहे हों। निष्पक्ष विश्लेषण से एक ही परिणाम निकलता है तो दलित और पिछड़े के मुद्दों पर समस्त अवतार भव सागर में डूबते नज़र आए हैं।हमेशा फिसड्डी साबित हुए हैं। असफल लोगों के गुणगान का न तो प्रसंग उठता है और न ही कोई औचित्य है।
   14 अप्रैल 1891 को भीम राव का जन्म हुआ। जो आगे चलकर डॉ अंबेडकर के नाम से विख्यात हुए। दलितों पिछड़ों को, देश में चल रही विकास की मुख्य धारा से जोड़ा। उपेक्षित समाज को अधिकारों से आच्छादित करने का पूरे मनोयोग से उपक्रम किया। सदियों से दासता की बेड़ियों में जकड़े समाज की बेड़ियों को उन्होंने बेरहमी से काट दिया। इस समाज को स्वतन्त्र अस्तित्व का सुखद अनुभव कराया। जब दुनियां इन्हें सूर्य की उपमा से अलंकृत करती है तब क्या हम उनके जन्म दिवस को रोशनी के नाम पर नही मना सकते? आईए 14 अप्रैल 2024 को अम्बेडकर पार्क गोमती नगर लखनऊ में पच्चीस लाख दीये जलाकर मानवता के अजेय योद्धा के गौरव को चार चांद लगाए।
 राजेश कुमार सिद्धार्थ संयोजक
 डॉ आंबेडकर महसघ
 9454 32 52 36????????️????https://www.youtube.com/watch?v=dbvmJZPpGlg

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