“बहुजन संगठक” के संपादक राजेश कुमार सिद्धार्थ ने इस पत्र को एक सशक्त वैचारिक मंच बनाया “बहुजन संगठक” समाचार पत्र ने बहुजन समाज की आवाज को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस पत्र के संपादक राजेश कुमार सिद्धार्थ ने इसे मात्र एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि एक वैचारिक आंदोलन का माध्यम


“बहुजन संगठक” के संपादक राजेश कुमार सिद्धार्थ ने इस पत्र को एक सशक्त वैचारिक मंच बनाया

“बहुजन संगठक” समाचार पत्र ने बहुजन समाज की आवाज को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस पत्र के संपादक राजेश कुमार सिद्धार्थ ने इसे मात्र एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि एक वैचारिक आंदोलन का माध्यम बना दिया। उनके संपादन कौशल, जनसरोकारों के प्रति प्रतिबद्धता और समाज में समानता की सोच ने इस पत्र को जनता के बीच लोकप्रिय और प्रभावशाली बनाया।

राजेश कुमार सिद्धार्थ ने संपादकीय नीति में हमेशा सामाजिक न्याय, शिक्षा, समान अवसर और बहुजन चेतना को केंद्र में रखा। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि “बहुजन संगठक” केवल खबरें छापने वाला माध्यम न होकर बहुजन विचारधारा का दस्तावेज़ बने। उनके नेतृत्व में पत्र ने समाज के हाशिए पर खड़े लोगों की समस्याओं को प्रमुखता से उजागर किया और दलित, पिछड़े, आदिवासी और वंचित वर्गों की आवाज़ को राष्ट्रीय विमर्श तक पहुंचाया।

आज “बहुजन संगठक” केवल एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि बहुजन समाज के आत्मसम्मान और जागृति का प्रतीक बन चुका है। इसका श्रेय संपादक राजेश कुमार सिद्धार्थ को जाता है, जिन्होंने पत्रकारिता को जनसेवा और विचार परिवर्तन का साधन बनाया

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