लाशों का सौदा करने का ऑडियो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल


बरेली। लाशों का सौदा करने का ऑडियो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही बरेली से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया है। पूरे प्रकरण ने न केवल पुलिस विभाग बल्कि स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वायरल ऑडियो-वीडियो में कोतवाली थाने में तैनात आरक्षी नरेन्द्र प्रताप सिंह और संविदाकर्मी सुनील के बीच सौदेबाजी होती स्पष्ट सुनाई दे रही है। इस सनसनीखेज खुलासे के बाद एसएसपी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सिपाही को निलंबित कर दिया और तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी।

ऑडियो-वीडियो में खुला सौदेबाजी का काला सच

वायरल ऑडियो में संविदाकर्मी सुनील साफ कहता सुनाई दे रहा है कि “जो रुपये नीचे मिलते हैं, वो तो नमक बराबर हैं, असली रकम ऊपर के अफसरों तक जाती है।” यही नहीं, सुनील दावा करता है कि उसके पास यूपी के कई जिलों से लाशों का “जुगाड़” है। इसी दौरान सिपाही नरेन्द्र प्रताप सिंह भी बातचीत में शामिल होकर कहता है कि “कमाना सबको है, बात करनी पड़ेगी।”

इस बातचीत से साफ इशारा मिलता है कि लावारिस लाशों को कागजों पर अंतिम संस्कार दिखाकर असलियत में निजी मेडिकल कॉलेजों को बेचा जा रहा है। ऑडियो में यह दावा भी किया गया है कि कुछ प्राइवेट मेडिकल कॉलेज और ट्रेनिंग देने वाले बड़े-बड़े संस्थान एमबीबीएस की मान्यता बनाए रखने के लिए इन लाशों को खरीदते हैं।

स्वास्थ्य विभाग की भूमिका पर उठे सवाल

पुलिस की शुरुआती जांच में संदेह जताया गया है कि स्वास्थ्य विभाग की मदद से इस पूरे खेल को अंजाम दिया जा रहा था। चूंकि शवों के अंतिम संस्कार का रिकॉर्ड स्वास्थ्य विभाग और पुलिस के माध्यम से तैयार होता है, ऐसे में बिना मिलीभगत के यह बड़ा रैकेट चल पाना मुश्किल माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि इस प्रकरण में कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका भी सामने आ सकती है।

बड़ी मेडिकल संस्थाओं पर गिर सकती है गाज

वायरल ऑडियो में सीधे तौर पर यह आरोप लगाया गया है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेज लाशों की खरीद-फरोख्त में शामिल हैं। मेडिकल काउंसिल की गाइडलाइंस के मुताबिक कॉलेजों को मेडिकल छात्रों की ट्रेनिंग और पढ़ाई के लिए शवों की उपलब्धता जरूरी होती है। आशंका जताई जा रही है कि कमी पूरी करने के लिए इस तरह का काला कारोबार लंबे समय से चल रहा था। अब यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि क्या उन संस्थानों पर भी कार्रवाई होगी, जिनका नाम सौदेबाजी में सामने आ रहा है।

जांच टीम गठित, रिपोर्ट के बाद होगी कड़ी कार्रवाई

एसएसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी सिटी मानुष पारीक, सीओ एलआईयू विजय राणा और डिप्टी सीएमओ को शामिल कर तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की है। टीम को निर्देश दिए गए हैं कि पूरे प्रकरण की तहकीकात कर विस्तृत रिपोर्ट जल्द से जल्द पेश करें। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

लखनऊ तक मचा हड़कंप

लाशों के सौदे का यह मामला बरेली तक सीमित नहीं रहा। जैसे ही मामला वायरल हुआ, लखनऊ में बैठे उच्चाधिकारियों तक इसकी गूंज पहुंच गई। स्वास्थ्य मंत्रालय और पुलिस मुख्यालय ने भी रिपोर्ट तलब की है। माना जा रहा है कि इस रैकेट की जड़ें कई जिलों तक फैली हो सकती हैं और उच्च स्तर तक अधिकारियों की संलिप्तता सामने आ सकती है।

जनता में गुस्सा और सवाल

सोशल मीडिया पर वायरल इस ऑडियो-वीडियो ने आम जनता को झकझोर कर रख दिया है। लोग सवाल कर रहे हैं कि लावारिस लाशों का सौदा आखिर कैसे संभव हुआ? और क्या सिर्फ छोटे कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाया जाएगा या फिर इस गोरखधंधे में शामिल बड़े अधिकारियों और संस्थानों पर भी गाज गिरेगी?                                 

                                                                                                                                                                                                                                         बरेली वीरेन्द्र सिह   

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