उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के बरेली जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर स्थित जीआरपी थाने में बीते मंगलवार रात अचानक गोली चलने की घटना से हड़कंप मच गया. गोली लगने से इंस्पेक्टर परवेज अली और सिपाही छोटू सिंह घायल हो गए. हालांकि अब रेलवे एसपी ने इस पर एक्शन लिया है. इंस्पेक्टर परवेज अली सहित चार


उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के बरेली जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर स्थित जीआरपी थाने में बीते मंगलवार रात अचानक गोली चलने की घटना से हड़कंप मच गया. गोली लगने से इंस्पेक्टर परवेज अली और सिपाही छोटू सिंह घायल हो गए. दोनों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई. मामले को गंभीर से लेते हुए एसपी रेलवे मुरादाबाद/लखनऊ ने इंस्पेक्टर समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया.

 

पुलिस के अनुसार, 2 सितंबर की शाम दो आरक्षियों को ट्रेन स्कॉर्ट ड्यूटी पर भेजा जाना था. इसके लिए थाना मुंशी आरक्षी मोनू कुमार ने उन्हें असलहा और मैगजीन उपलब्ध कराई. ड्यूटी पर जाने से पहले आरक्षी छोटू कुमार ने पिस्टल चेक करना शुरू किया. उसी दौरान पिस्टल की स्लाइड पीछे की ओर फंस गई. उसे सही करने के प्रयास में गलती से गोली चल गई.

इसी बीच ड्यूटी पर मौजूद दूसरे आरक्षी मनोज कुमार ने भी अपनी पिस्टल चेक की तो उसका हैमर चढ़ा हुआ पाया गया. तभी थाना मुंशी मोनू कुमार ने मैगजीन के खाली स्थान से उंगली डालकर हैमर उतारने की कोशिश की. इसी दौरान दूसरी पिस्टल से भी अचानक गोली चल गई. पहली गोली थाने की दीवार और कंप्यूटर (सीपीयू) में जा धंसी, जबकि दूसरी गोली इंस्पेक्टर परवेज अली और पास में खड़े सिपाही छोटू सिंह को लग गई. दोनों मौके पर घायल होकर गिर पड़े.

थाने और स्टेशन पर मचा हड़कंप

गोली चलने की आवाज से थाने में मौजूद सभी पुलिसकर्मी सहम गए. चूंकि जीआरपी थाना प्लेटफॉर्म नंबर एक पर बना है, इसलिए आवाज यात्रियों ने भी सुनी. रात में स्टेशन पर भीड़ अधिक थी. गोली की गूंज सुनते ही यात्रियों में दहशत फैल गई और कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने तुरंत घायलों को नजदीकी निजी अस्पताल भेजा. डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद दोनों को डिस्चार्ज कर दिया.

लापरवाही, चार निलंबित

घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों तक पहुंचते ही विभाग में हड़कंप मच गया. पुलिस अधीक्षक रेलवे मुरादाबाद/लखनऊ ने बताया कि मीडिया को प्रेस नोट से बताया कि आरक्षी छोटू कुमार, आरक्षी मनोज कुमार और आरक्षी मोनू कुमार द्वारा शस्त्रों की जांच व अदला-बदली के दौरान गंभीर लापरवाही बरती गई. वहीं यह घटना थाने के प्रभारी निरीक्षक बरेली जंक्शन की उपस्थिति में घटी, जिससे उनकी भी लापरवाही स्पष्ट होती है. इसी कारण 3 सितंबर 2025 को इंस्पेक्टर परवेज अली समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है.

दो दिन दबा रहा मामला, अब जांच तेज

घटना 2 सितंबर की रात की थी, लेकिन इसे विभागीय स्तर पर दो दिन तक दबाकर रखा गया. जब मामला मीडिया के जरिए सामने आया तो अधिकारियों ने कड़ी कार्रवाई शुरू की. जांच की जिम्मेदारी सीओ जीआरपी गाजियाबाद को दी गई है. वहीं सीओ जीआरपी अनिल कुमार वर्मा ने प्रेस नोट भेजकर घटना की पुष्टि की और बताया कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होगी.

यात्रियों की सुरक्षा पर उठे सवाल

रेलवे स्टेशन पर जीआरपी की मुख्य जिम्मेदारी यात्रियों की सुरक्षा होती है, लेकिन थाने के अंदर ही हथियारों के गलत इस्तेमाल से हुई इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. यात्री यह सोचने को मजबूर हैं कि जब पुलिसकर्मी ही असलहे संभालने में इतनी लापरवाही बरतेंगे तो आम जनता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी. फिलहाल जांच जारी है और विभागीय अधिकारी दावा कर रहे हैं कि दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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