नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड ने मंगलवार को उत्तराखंड टूरिज्म डिपार्टमेंट के साथ 6800 करोड़ रुपये की दो रोपवे प्रोजेक्ट्स के डेवलपमेंट के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत आने वाली एक स्पेशल यूनिट (SPV) है। इन 2 रोपवे प्रोजेक्ट्स में 4100 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली 12.9 किलोमीटर लंबी सोनप्रयाग-केदारनाथ प्रोजेक्ट और 2700 करोड़ रुपये की लागत वाली 12.4 किलोमीटर लंबी गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब प्रोजेक्ट शामिल है।
टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा, अर्थव्यवस्था होगी मजबूत
इन प्रोजेक्ट्स से रोपवे कनेक्टिविटी का विस्तार होने और टूरिज्म को बढ़ावा देकर राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की उम्मीद है। इस समझौते पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री अजय टम्टा और राज्य के पर्यटन, धार्मिक मामलों और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि ये समझौता राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक पहचान दिलाएगा और पर्यटन, रोजगार सृजन तथा पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा प्रदान करेगा। टम्टा ने कहा कि राज्य में रोपवे विकास के लिहाज से ये एक महत्वपूर्ण दिन है।
कैबिनेट ने इस साल मार्च में दी थी दोनों प्रोजेक्ट को मंजूरी
बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस साल मार्च में केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब के लिए दो अलग रोपवे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी थी। ये दोनों प्रोजेक्ट पर्वतमाला परियोजना का हिस्सा होंगे। उत्तराखंड के सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबे रोपवे की मदद से सिर्फ 36 मिनट में यात्रा पूरी हो जाएगी। अभी केदारनाथ पहुंचने में 8 से 9 घंटे का समय लगता है। फिलहाल, श्रद्धालु केदारनाथ मंदिर जाने के लिए पैदल, टट्टू, पालकी और हेलीकॉप्टर की मदद लेते हैं।
सिर्फ 36 मिनट में पहुंच जाएंगे केदारनाथ धाम
3583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित भगवान शिव के 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ मंदिर की यात्रा गौरीकुंड से शुरू होती है जो 16 किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है। ये प्रोजेक्ट मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधा प्रदान करने और सोनप्रयाग और केदारनाथ के बीच सभी मौसम की कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए काफी अहम है। 12.4 किलोमीटर लंबा हेमकुंड साहिब रोपवे प्रोजेक्ट हेमकुंड साहिब को गोविंदघाट से जोड़ेगा। हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा समुद्र तल से 15 हजार फीट की ऊंचाई पर उत्तराखंड के चमोली में है।
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