पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने सतलोक आश्रम के प्रमुख रामपाल की उम्रकैद की सजा निलंबित कर दी है। बता दें कि ये केस अनुयायियों की मौत से जुड़े मामले का है।


सतलोक आश्रम के प्रमुख और स्वयंभू संत रामपाल को अदालत से बड़ी राहत मिली है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की ओर से संत रामपाल की आजीवन कारावास की सजा को निलंबित कर दिया गया है। आपको बता दें कि सात साल पहले पांच अनुयायियों की मौत के मामले में संत रामपाल को कोर्ट द्वारा उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। अब 5 साल बाद रामपाल को इस मामले में राहत मिली है।

 

 

रामपाल को क्यों मिली थी सजा?

दरअसल, साल 2018 में सतलोक आश्रम के प्रमुख स्वयंभू संत रामपाल और उसके कुछ अनुयायियों को हत्या, बंधक बनाना और आपराधिक साजिश से जुड़े दो अलग-अलग मामलों में कोर्ट द्वारा दोषी ठहराया गया था। ये मामले 19 नवंबर 2014 को हिसार जिले के बरवाला थाने में दर्ज किए गए थे।

पुलिस और अनुयायियों के बीच हुई थी झड़प

हिसार जिले के बरवाला शहर के समीप उसके सतलोक आश्रम पर पुलिस और रामपाल के अनुयायियों के बीच झड़प हुई थी। इस झड़प में चार महिलाओं समेत पांच लोग मारे गए थे। इस घटना की चर्चा पूरे देश में देखने को मिली थी।

सजा निलंबित करने के लिए दी थी याचिका

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका में हिसार की एक कोर्ट द्वारा अक्टूबर 2018 में रामपाल सुनाई गई उम्रकैद की सजा को निलंबित करने की मांग की गई थी। जस्टिस गुरविंदर सिंह गिल और जस्टिस दीपिंदर सिंह नलवा की खंडपीठ ने रामपाल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया है। (इनपुट: भाषा)

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