बिट्स पिलानी में लगातार छात्रों के आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं। पिछले साल दिसंबर में एक छात्र ने आत्महत्या की थी। इसके बाद दो अन्य छात्र मौत को गले लगा चुके हैं।


बिट्स पिलानी गोवा में एक और छात्र की मौत से हड़कंप मचा हुआ है। यहां 10 महीने के अंदर तीन छात्र आत्महत्या कर चुके हैं। एक अन्य छात्र की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी। मौजूदा घटना को लेकर जांच जारी है। अब तक मौत की वजह सामने नहीं आई है। लगातार आत्महत्याओं के चलते यह शैक्षणिक संस्थान चर्चा में बना हुआ है। दिसंबर 2024 के बाद से कॉलेज परिसर में यह किसी छात्र की संदिग्ध मौत का पांचवां मामला है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को दक्षिण गोवा के बिट्स पिलानी परिसर में एक 20 वर्षीय छात्र अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाया गया।

 

 

 

 

 

पुलिस अधिकारी ने कहा, "ऋषि नायर सुबह करीब 10.45 बजे अपने छात्रावास के कमरे में मृत पाए गए। उनके मोबाइल फोन पर कॉल का जवाब नहीं देने पर अधिकारियों ने उनके कमरे का दरवाजा जबरदस्ती खोला। वह अपने बिस्तर पर बेसुध पड़े थे। मौत के कारणों का पता लगाया जा रहा है।" निजी डीम्ड विश्वविद्यालय, बिट्स पिलानी के प्रबंधन ने अभी तक इस घटना पर कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है।

अब तक इन छात्रों की हो चुकी है मौत

दिसंबर 2024 के बाद से यह कॉलेज में किसी छात्र की मौत का पांचवां मामला है। ऋषि से पहले छात्र ओम प्रियन सिंह (दिसंबर 2024), अथर्व देसाई (मार्च 2025), कृष्णा कसेरा (मई 2025) और कुशाग्र जैन (अगस्त 2025) अपने-अपने छात्रावास के कमरों में मृत पाए गए थे। इनमें से कम से कम 3 को स्पष्ट रूप से आत्महत्या के रूप में दर्ज किया गया है। ताजा घटना के अलावा एक अन्य मामला (अगस्त 2025) में हुआ था। इसे अप्राकृतिक मौत के रूप में दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में फोरेंसिक जांच में नशीली दवाओं का कोई सबूत नहीं मिला, और यह माना गया कि संभवतः ब्लड प्रेशर की दवा के कारण मौत हुई है।

बढ़ता तनाव चिंता विषय

कैंपस में बढ़ते तनाव और मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों के कारण इसे व्यापक चिंता का विषय बनाया गया है। ये घटनाएं मुख्य रूप से परीक्षा अवधि के दौरान हुईं और छात्रों व परिवारों ने शैक्षणिक दबाव, काउंसलिंग की कमी और सुविधाओं की अपर्याप्तता का आरोप लगाया है। गोवा के पूर्व राज्यपाल पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने तीन आत्महत्याओं के बाद संस्थान से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। संस्थान ने प्रतिक्रिया में पाठ्यक्रम में बदलाव, तनाव प्रबंधन कोर्स, 24x7 हेल्पलाइन, और पीयर-सपोर्ट प्रोग्राम जैसे कदम उठाए हैं, लेकिन आत्महत्याओं का सिलसिला जारी है। (इनपुट- पीटीआई)

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