प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में आज हैदराबाद लिबरेशन डे का जिक्र किया. पीएम ने कहा, अगले महीने हम हैदराबाद लिबरेशन डे मनाएंगे. ये डे 17 सितंबर को मनाया जाता है. पीएम ने कहा, हैदराबाद में निजाम और रजाकारों के अत्याचार दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे थे. फिर सरदार पटेल ने सरकार को


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम के तहत देश को संबोधित किया. आज इस कार्यक्रम का 125वां एपिसोड प्रसारित हुआ, पीएम ने मन की बात में हैदराबाद लिबरेशन डे का जिक्र किया. साथ ही उन्होंने बताया कि कैसे निजाम और रजाकार लोगों पर अत्याचार किया करते थे.

 

पीएम मोदी ने मन की बात में कई अहम बातों पर चर्चा की. उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं का जिक्र किया. साथ ही पीएम ने बताया कि UPSC में सफल न होने वालों को भी नौकरी मिलेगी. इसी बीच पीएम ने ऑपरेशन पोलो का जिक्र किया.

PM ने लिबरेशन डे का किया जिक्र

पीएम मोदी ने ऑपरेशन पोलो का जिक्र करते हुए कहा कि अगले महीने हम हैदराबाद लिब्रेशन डे भी मनाएंगे. हैदराबाद लिब्रेशन डे 17 सितंबर को मनाया जाता है. लौह पुरुष सरदार पटेल ने सरकार को ऑपरेशन पोलो शुरू करने का आग्रह किया और रिकॉर्ड समय में सेना ने हैदराबाद को निजाम के अत्याचारों से मुक्त करवाकर इसे देश का हिस्सा बनाया.

पीएम ने कहा, सितंबर में हम हैदराबाद लिबरेशन डे मनाएंगे. ये वही महीना है जब हम उन सभी वीरों के साहस को याद करते हैं जिन्होंने ऑपरेशन पोलो में हिस्सा लिया था.

निजाम और रजाकारों के बढ़े रहे थे अत्याचार

पीएम ने इतिहास के पन्नों को याद करते हुए कहा, जब अगस्त 1947 में भारत को आजादी मिली, तो हैदराबाद अलग ही हालात में था. निजाम और रजाकारों के अत्याचार दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे थे. तिरंगा फहराने या ‘वंदे मातरम्’ कहने पर भी मौत के घाट उतार दिया जाता था. महिलाओं और गरीबों पर अत्याचार किए जाते थे. उस समय बाबा साहेब आंबेडकर ने भी चेतावनी दी थी कि ये समस्या बहुत बड़ी बनती जा रही है.

सरदार पटेल ने किया अहम रोल अदा

पीएम ने सरदार पटेल को याद करते हुए कहा, सरदार पटेल ने इस मामले को अपने हाथ में लिया था. उन्होंने सरकार को ऑपरेशन पोलो शुरू करने के लिए तैयार किया. पीएम ने आगे कहा, रिकॉर्ड समय में हमारी सेनाओं ने हैदराबाद को निजाम की तानाशाही से आजाद कराया और उसे भारत का हिस्सा बनाया. पूरे देश ने इस सफलता का उत्सव मनाया.

जब भारत को स्वतंत्रता मिली, तो रजाकारों ने हैदराबाद राज्य से पाकिस्तान में शामिल होने या मुस्लिम डोमिनियन बनने की मांग की और भारत संघ में विलय का विरोध किया. इस क्षेत्र के लोगों ने रजाकारों के अत्याचारों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और इस क्षेत्र को भारतीय संघ में मिलाने के लिए संघर्ष किया. रजाकारों ने अत्याचार किए और हैदराबाद में तत्कालीन निजाम शासन का समर्थन किया. 17 सितंबर 1948 को, तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की ओर से शुरू की गई सैन्य कार्रवाई के बाद, निजामों के शासन वाला हैदराबाद राज्य भारतीय संघ में मिला लिया गया.

ऑपरेशन पोलो क्या है?

1947 में आजादी के बाद ज्यादातर रियासतें भारत में शामिल हो गईं, लेकिन हैदराबाद के निजाम भारत में विलय नहीं चाहते थे. निजाम की फौज और उसकी मददगार निजी मिलिशिया रजाकार आम जनता पर अत्याचार कर रही थी. इसके चलते हालात बिगड़ते गए और पाकिस्तान में शामिल होने की कोशिशें भी होने लगीं. 13 सितंबर 1948 को भारत सरकार ने सेना भेजकर “पुलिस एक्शन” शुरू किया, जिसे आधिकारिक नाम ऑपरेशन पोलो दिया गया.

यह अभियान सिर्फ 5 दिन चला और 17 सितंबर 1948 को निजाम ने आत्मसमर्पण कर दिया. इसके बाद हैदराबाद रियासत का विलय भारत संघ में हो गया.

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