असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आज हम देख रहे हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद में क्या हो रहा है, प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी कहती है कि 22 जनवरी इस मुल्क का तारीखी दिन था। मैंने पार्लियामेंट में इस बात को रखा कि अगर 22 जनवरी तारीखी दिन था, तो इसकी बुनियाद 6 दिसंबर 1992 को रखी गई।


ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को महाराष्ट्र के अकोला में एक रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कि मैंने पार्लियामेंट में जिस बात को कहा, एक बार फिर से आपके सामने उस बात को दोहराता हूं, भारत के मुसलमान अपने आपको बिल्कुल वैसा ही महसूस कर रहे हैं जैसा हिटलर के जमाने में यहूदी करते थे। उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ख्वाजा अजमेरी की दरगाह पर नरेंद्र मोदी चादर चढ़ाते हैं, लेकिन यह कौन सी मोहब्बत है कि ख्वाजा अजमेरी से कि आप मस्जिद को हमसे छीनना चाहते हैं, यह कौन सी मोहब्बत है कि आप मस्जिद पर चादर तो चढ़ाएंगे, लेकिन हमारी बच्चियों के सिर से हिजाब छीन लेंगे, यह कौन सी मोहब्बत है कि मस्जिद को हमसे छीनने की पूरी कोशिश की जा रही है।

 

"इस मुल्क में बीजेपी क्या करना चाहती है?"

ओवैसी ने कहा, "दिल्ली में एक 500 साल पुरानी मस्जिद को बगैर किसी नोटिस के शहीद कर दिया गया। 600 साल पुरानी मस्जिद और कब्रिस्तान को भी शहीद कर दिया गया। हम यही पूछना चाहते हैं कि इस मुल्क में बीजेपी क्या करना चाहती है? जब से नरेंद्र मोदी इस मुल्क के वजीरे आला बने हैं, उन्हीं की हुकूमत का एक डाटा बताता है, हायर एजुकेशन में 1 लाख 80 हजार मुसलमान शामिल नहीं है।" उन्होंने आगे कहा, "आज हम देख रहे हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद में क्या हो रहा है, प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी कहती है कि 22 जनवरी इस मुल्क का तारीखी दिन था। मैंने पार्लियामेंट में इस बात को रखा कि अगर 22 जनवरी तारीखी दिन था, तो इसकी बुनियाद 6 दिसंबर 1992 को रखी गई। अगर 22 जनवरी तारीखी ही दिन था, तो इसकी बुनियाद 1986 में ताले खोल कर रखी गई। अगर वह तारीखी दिन था तो जीबी पंत ने उसमें मूर्तियां रखकर 22 जनवरी को तारीखी दिन बनाया। सुप्रीम कोर्ट ने आस्था के आधार पर फैसला देकर पूरे मुल्क को यह पैगाम दे दिया कि आस्था बड़ी है और एविडेंस को नहीं देखा जाएगा। मैं आपसे अपील कर रहा हूं कि खुद के लिए अपनी-अपनी मस्जिदों को आबाद रखो।"

उन्होंने कहा, "राइट टू रिलिजन भारत के संविधान का एक अधिकार है और बीजेपी-आरएसएस यह चाहती है कि यह हमसे छीन लिया जाए। आपसे कहा जाता है कि जब अकोला में इलेक्शन होगा तो आप सेकुलरिज्म को जिंदा रखिए, खबरदार मैं उन दलालों से कह रहा हूं जो मुसलमानों की साफा में है। मैं दिल्ली में बैठे चौधरियों को बताना चाहूंगा कि आज अगर नरेंद्र मोदी जितता है तो मुसलमान की वजह से नहीं, उसने अपनी छवि बना ली है हिंदू हृदय सम्राट की, वह सभी मेजॉरिटी कम्युनिटी को एक करने की कोशिश कर रहा है। नरेंद्र मोदी ने भारत की सियासत में मुसलमान को मार्जिनलाइज्ड करके रख दिया।"

 

 

 

"संविधान में लिखे हुए सेकुलरिज्म को मैं मानता हूं"

AIMIM चीफ ने कहा, "महाराष्ट्र की विधानसभा में एक असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील नहीं, बल्कि 50 ओवैसी और जलील होने चाहिए। तुम सब इस जलसे में तो आ जाते हो, लेकिन जब वोट डालने का समय आता है, तो तुम्हारे दिमाग में सेकुलरिज्म भर दिया जाता है। संविधान में लिखे हुए सेकुलरिज्म को मैं मानता हूं, लेकिन तुम सियासी सेकुलरिज्म को मत मानो। क्या मिला तुम्हें सेकुलरिज्म के नाम पर? तुमने मस्जिद खो दी, एक मस्जिद चली गई, खुदा ना करें हजारों मस्जिद भी चली जाएंगी। क्या तुम नहीं देख रहे जो अशोक चव्हाण मुझे गाली देते थे, उनके चमचे आज मोदी के पैरों में बैठकर चाय पी रहे हैं। कल तक मुझे बी टीम बोलने वाले राज्यसभा की मेंबरशिप ले रहे हैं। अब मध्य प्रदेश का एक और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जिनको इंदिरा गांधी का तीसरा बेटा कहा जाता था, यह मैं नहीं उनका लीडर ही कहता था, अब सुना है वह भी बीजेपी में जाने वाले हैं, आप ही बताओ अब कौन B टीम है?"

उन्होंने कहा, "अजित पवार बोलते थे कि आज वह कहां पर बैठे हैं। अजीत पवार बोल रहे हैं कि मैं अपनी घरवाली को अपनी बहन के खिलाफ लड़ाऊंगा। अब आप ही बताइए महाराष्ट्र में यह क्या मामला हो रहा है? उन्हीं का एक मुंबई का लीडर (बाबा सिद्दीकी) है, उसे केवल इफ्तार की दावत याद आती है और कुछ नहीं। हमेशा इस बात को याद रखो कि हमें हमेशा मुसलमान से नुकसान पहुंचा। टीपू सुल्तान को शहीद करने वाले, गद्दारी करने वाले मुसलमान थे।"

"पार्लियामेंट में कहा, एक बार जहां मस्जिद बन गई, वहां थी, है और रहेगी"

उन्होंने कहा, "अगली बार जब कांग्रेस और राष्ट्रवादी के लोग आपके बीच आए तो उनसे पूछना कि अपनी जुबान से आप बाबरी मस्जिद बोल सकते हैं या नहीं? हमने पार्लियामेंट में कहा कि एक बार जहां मस्जिद बन गई, वहां थी, है और रहेगी। मैं आपसे कह रहा हूं कि हमने बाबरी मस्जिद जिंदाबाद का नारा लगाया। अमित शाह के सामने नारा लगाया। बाबरी मस्जिद जिंदा है और रहेगी।" अकोला में असदुद्दीन ओवैसी ने लोगों से बाबरी मस्जिद के नाम पर नारे लगवाए। उन्होंने कहा, "भारत के मुसलमान को 6 दिसंबर को याद रखना पड़ेगा। अगर तुमने 6 दिसंबर को भुला दिया, तो नौजवानों तुमने नहीं देखा, हमने देखा है, अगर तुम भूल गए तो खुदा ना करे तुम्हारे जीवन में एक बार फिर से 6 दिसंबर आएगा।"

"कुर्ता कहां से आया? बाबर ने दिया... प्याज कहां से आया? औरंगजेब ने दिया"

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "उद्धव ठाकरे कहते हैं कि हम खुश हैं, हमने 6 दिसंबर को मस्जिद तोड़ी। उद्धव ठाकरे के साथ कौन है? शरद पवार साहब, उनके साथ कांग्रेस है, यही कांग्रेस जाकर कहेगी बचा लो, अरे पहले आप अपने आपको तो बचा लो। सुना है पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू बीजेपी में जा रहे हैं। नरेंद्र मोदी कुर्ता पहनते हैं, उद्धव ठाकरे कुर्ता पहनते हैं, कुर्ता कहां से आया? बाबर ने दिया... प्याज कहां से आया? औरंगजेब ने दिया... हमारी बहनें लहंगा चोली पहनती हैं, कहां से आया? नूरजहां ने दिया। कश्मीर का एक राजा हुआ करता था... राजा हर्ष, इस नाम को याद रखिए, उसके पास एक फौज थी जिसका काम ही यही था मंदिरों को तोड़ो, कनिष्क कहां का था, आरएसएस वाले बताओ। कल छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती की मैं मराठा भाइयों को शुभकामनाएं देता हूं और आरएसएस के लोगों से पूछना चाहूंगा कि तुम कब तक यह झूठ कहते रहोगे कि छत्रपति शिवाजी महाराज मुसलमान के दुश्मन थे, उनके पास 13 मुसलमान जनरल थे। अफजल खान का जब छत्रपति शिवाजी महाराज ने कत्ल किया, तब मुसलमान उनके बॉडीगार्ड थे। हम और आप मिलकर यह कोशिश करेंगे कि तीसरी बार भारत का वजीरे आजम नरेंद्र मोदी ना बने।"

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