आरबीआई ने आज वित्त वर्ष 23 के लिए केंद्र सरकार को 87 हजार के ज्यादा का लाभांश दिया है जो पिछले लाभांश की तुलना में तीन गुना ज्यादा है। इसके अलावा आरबीआई के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 23 के आरबीआई के कामों पर भी चर्चा की।


केंद्रीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज केंद्र सरकार को वित्त वर्ष 23 के लिए 87,416 करोड़ रुपये का डिविडेंड दिया है।

आरबीआई का यह डिविडेंड पिछले साल के डिविडेंड से तीन गुना ज्यादा है। पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में आरबीआई ने 30,307 करोड़ का डिविडेंड दिया था।

निदेशक मंडल ने लिया गया फैसला

आरबीआई ने सरकार को लाभांश देने का फैसला अपनी 602वीं मीटिंग में लिया है। यह मीटिंग रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के नेतृत्व में आरबीआई के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के साथ हुई है।

 

आरबीआई ने एक बयान में कहा कि बोर्ड ने आकस्मिकता जोखिम बफर को 6 प्रतिशत पर रखने का फैसला करते हुए वित्त वर्ष 2022-23 के लिए केंद्र सरकार को सरप्लस के रूप में 87,416 करोड़ रुपये का लाभांश देने की मंजूरी दी है। इसके अलावा बोर्ड ने वित्त वर्ष 2022-23 में आरबीआई के कामों पर भी चर्चा की और रिजर्व बैंक के वार्षिक रिपोर्ट और अकाउंट को भी अप्रुव किया है।

पिछले 5 सालों कितना डिविडेंड

आरबीआई ने सबसे ज्यादा डिविडेंड वित्त वर्ष 2018-19 में दिया था। अगर पिछले पांच सालों की बात करें तो आरबीआई ने वित्त वर्ष 18 में सरकार को 50,000 करोड़ रुपये का लाभांश दिया था। अगले साल 2019 में सबसे ज्यादा 1,75,988 करोड़ रुपये का डिविडेंड सरकार को मिला था। 

वित्त वर्ष 20 में आरबीआई ने 57,128 करोड़ रुपये का लाभांश दिया, कोरोना काल वाले वित्त वर्ष 21 में सरकार को 99,122 करोड़ रुपये डिविडेंड मिला, वहीं वित्त वर्ष 22 में डिविडेंड घटकर 30,307 करोड़ रुपये हो गया था।

उम्मीद से ज्यादा डिविडेंड

सरकार को इस साल जितना लाभांश मिला है वो सरकार के उम्मीद से काफी ज्यादा है। सरकार ने इस साल RBI से 48 हजार करोड़ रुपए का डिविडेंड मिलने का अनुमान लगाया था। यहां आपको बता दें कि सरकार उन फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस से डिविडेंड कमाती है जिसमें सरकार की हिस्सेदारी होती है।

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