सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षण संस्थान केवल अक्षर ज्ञान के माध्यम ही नहीं, बल्कि बालक के सर्वांगीण विकास की आधारशिला हैं. शिक्षा यदि संस्कार, मूल्यों-आदर्शों, मातृभूमि, महापुरुषों, राष्ट्रीयता के प्रति समर्पण का भाव पैदा नहीं कर पा रही है तो वह कुशिक्षा और भटकाव है. आजादी के तत्काल ब


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की शिक्षा कैसी होनी चाहिए, आजादी के पांच साल के बाद जब तत्कालीन सरकारें इस दिशा में प्रयास नहीं कर पाईं, तब नाना जी ने गोरखपुर से इस प्रयास को बढ़ाया था. उसके पीछे का ध्येय था कि भारत, भारतीयता, परंपरा, संस्कृति और मातृभाव से ओतप्रोत ऐसे शिक्षण संस्थान की स्थापना आवश्यक है, जो देश को फिर से विश्व गुरु के रूप में स्थापित करने में योगदान दे सके. इसकी शुरुआत शिक्षा के मंदिरों से ही होती है.

 

 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बसहवा का भूमि पूजन, शिलान्यास, पौधरोपण व पुस्तक का विमोचन भी किया. आरएसएस के तत्कालीन प्रचारक नाना जी देशमुख के नेतृत्व में सरस्वती शिशु मंदिर की पहली शाखा गोरखपुर में स्थापित की गई थी. विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान के मातृभूमि होने का सौभाग्य गोरक्ष प्रांत को प्राप्त है. विद्या भारती के अंतर्गत संचालित हजारों शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थान राष्ट्र निर्माण के जिस अभियान के साथ जुड़े हैं, उसकी ताकत देश-दुनिया समझती है.

 

शिशु मंदिर से निकले छात्रों ने किया समाज का नेतृत्व

सीएम योगी ने कहा कि पाठ्यक्रम सरकार तैयार करती है. सरकार सहयोग करे या न करे. बिना सरकार की सहायता के अपने दम और स्वयंसेवकों के सहयोग से भारतीयता के प्रति अनुराग रखने वाले नागरिकों के माध्यम से सरस्वती शिशु मंदिर ने इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया. गोरखपुर के पक्कीबाग में जब पहला सरस्वती शिशु मंदिर स्थापित हुआ तो उस समय मात्र पांच छात्र थे, लेकिन आज शिशु मंदिर के 12 हजार विद्यालय हैं. यह संस्थान बच्चों के अंदर भारत व भारतीयता के प्रति नागरिक के रूप में कर्तव्यों का बोध कराने और सुयोग्य नागरिक बनाने के लिए राष्ट्रीय दायित्व का ईमानदारी से निर्वहन कर रहा है. सरस्वती शिशु मंदिर से निकले छात्र समाज को नेतृत्व भी दे रहे और मार्गदर्शन भी कर रहे हैं.

Cm Yogi Adityanath (1)

शिक्षा से देश के समर्थ, आत्मनिर्भर और शक्तिशाली

सीएम योगी ने कहा कि देश के समर्थ, आत्मनिर्भर व शक्तिशाली होने की शुरुआत शिक्षा से होती है. दुनिया में समृद्धि की चर्चा होती है तो पहला पैरामीटर शिक्षा, फिर स्वास्थ्य, उसके बाद कृषि-जल संसाधन, तब कौशल विकास व रोजगार होता है. फिर पर्यावरण को ध्यान में रखकर विकास की बात होती है. यह पैरामीटर तय करते हैं कि समग्र विकास के लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे. इस मंशा के साथ जब कोई अभियान बढ़ता है तो वह न केवल देशहित, बल्कि मानवता का मार्ग भी प्रशस्त करता है. आज का कार्यक्रम सुयोग्य नागरिकों को गढ़ने, तलाशने और तराशने का महत्वपूर्ण मंच शुरू करने जा रहा है. इसके माध्यम से भारत के सुयोग्य नागरिक विकसित करने का मंच विकसित हो रहा है.

बिना प्लानिंग कार्य करने से चूक जाते हैं

सीएम ने कहा कि जब बिना किसी प्लानिंग कार्य करते हैं तो चूक जाते हैं. हर व्यवस्था, प्रबंधन, सरकार, कॉरपोरेट घराना वर्ष भर की योजना बनाता है, फिर लघु, मध्यम व दीर्घ अवधि के कार्यक्रम तय करता है. इसके माध्यम से आगे के लक्ष्यों को प्राप्त करके हम भी सशक्त होंगे और भावी पीढ़ी, संस्थान को भी समर्थ भी बना पाएंगे. सरकार हर साल बजट प्रस्तुत करती है. इसमें विजन होता है कि एक वर्ष, फिर पांच वर्ष, दस वर्ष, 25 वर्ष की योजना क्या होगी. भारत की आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष पर पीएम मोदी ने आगामी 25 वर्ष की कार्ययोजना तैयार करने को कहा. भारत को विकसित बनाने के लिए पंच प्रण को जीवन का हिस्सा बनाने को कहा.

विरासत का करना होगा सम्मान

सीएम ने कहा कि विरासत का सम्मान करना होगा. हमारे पूर्वजों (1953 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी) ने संकल्प लिया था कि एक देश में दो विधान, दो निशान, दो प्रधान नहीं चलेंगे. कश्मीर में शेष भारत का कानून लागू करने का शंखनाद किया था. उन्हें बलिदान भी देना पड़ा. 1952 में कांग्रेस ने बाबा साहेब के न चाहने के बावजूद जबरन लागू किया, लेकिन पीएम मोदी ने डॉ. मुखर्जी के संकल्प को साकार कर आतंकवाद व भारत विरोधी गतिविधियों-साजिशों को समाप्त करके कश्मीर को भारत के कानून के साथ जोड़ा. 500 वर्ष का इंतजार समाप्त हुआ और अयोध्या में रामललाा के मंदिर का निर्माण हुआ. विपक्षी दल चाहते थे कि यह नहीं होना चाहिए.

Cm Yogi Adityanath (2)

विदेशियों ने भारत को लूटकर अर्जित किया

सीएम ने गुलामी के अंशों को सर्वथा समाप्त करने पर भी चर्चा की. कहा कि गुलामी की मानसिकता देश के अंदर छा गई थी. भारतीय को हेय और विदेशी को संपन्न की दृष्टि से देखे जाने लगा. इस दुष्प्रवृत्ति पर 11 वर्ष में आपने रोक लगाते हुए देखा होगा. जो भारतीय है, वह सर्वश्रेष्ठ है और वह ऐसा इसलिए है, क्योंकि जो विदेशियों ने भारत को लूटकर अर्जित किया है, जबकि भारत ने अपने पुरुषार्थ से समृद्धि को बनाया था. 400 वर्ष पहले भारत दुनिया की नंबर एक अर्थव्यवस्था थी. दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान 25 फीसदी था.

उन्होंने कहा कि जब देश आजाद हुआ तो भारत का योगदान केवल दो फीसदी रह गया. भारत को लूटा गया. भारत और भारतीयता के मन में यह भाव पैदा किया गया कि भारतीयों को आदर्श के रूप में प्रस्तुत करने वालों को लोग हतोत्साहित करते थे. हमने हिंदी और संस्कृत की जगह अंग्रेजी को भारतीयता का प्रतीक और भारत के महापुरुषों की जगह दुनिया के लोगों को आदर्श मानना प्रारंभ कर दिया.

सुहेलदेव को हम भूल गए-योगी

सीएम ने महाराज सुहेलदेव के योगदान की चर्चा की. बताया कि बहराइच में एक हजार वर्ष पहले जब महाराजा सालार मसूद बहराइच में मंदिरों को तोड़ने आया था, तो महाराज सुहेलदेव ने सैनिकों के साथ मुकाबला किया. उसे परास्त कर वह सजा दी, जिसे इस्लाम के दृष्टि से सबसे खराब मानी जाती थी. लोग सुहेलदेव को भूल गए थे. हमारी सरकार ने बहराइच में उनका भव्य स्मारक और आजमगढ़ में विश्वविद्यालय बनाया. वे हमारे पूर्वज और आदर्श हैं. गुलामी की मानसिकता इस कदर छा गई कि सालार मसूद को पूजने लगे और सुहेलदेव को समाज भूल गया.

जो सरकार को करना था, उसे RSS ने स्वीकारा

सीएम योगी ने कहा कि शिक्षा को राष्ट्रीयता के साथ जोड़कर चुनौतियों से जूझने के लिए खुद को तैयार कर सकें. गोरक्ष प्रांत से प्रारंभ हुई सरस्वती शिशु मंदिर की परंपरा देश-दुनिया में दिखेगी. नार्थ ईस्ट व सुदूर दक्षिण, वनवासी क्षेत्र में जाते हैं तो विद्या भारती द्वारा संचालित कोई न कोई सरस्वती शिशु मंदिर व विद्या मंदिर मिलता है. वहां के अध्ययनरत छात्र राष्ट्रीयता के भाव से ओतप्रोत होते हैं. आजादी के बाद जो कार्य सरकारों को करना चाहिए, उस दायित्व को आरएसएस ने स्वीकारा.

Cm Yogi Adityanath (3)

विकसित भारत हम सभी के जीवन का ध्येय होना चाहिए. इसके लिए विकसित उत्तर प्रदेश, विकसित बस्ती, हर गांव-कस्बे को विकसित बनने की दिशा में प्रयास प्रारंभ करना पड़ेगा. जो प्रदेश बीमारू व विकास का बैरियर कहा जाता था, वही राज्य 8 वर्ष में भारत के विकास का ग्रोथ इंजन बन गया है. पहले जो यूपी बॉटम थ्री में रहता था, वह आज टॉप-2 में है और अधिकांश योजनाओं में शीर्ष पर है. यह टीम वर्क, लक्ष्य स्पष्ट, नीयत साफ और सरकार की नीति- सबका साथ, सबका विकास के कारण संभव हो पाया.

दो दिन में छह हजार युवाओं को दिया नियुक्ति पत्र

सीएम योगी ने कहा कि यूपी के बारे में धारणा बदली है. लखनऊ में दो दिन में छह हजार युवाओं को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र वितरित किया है. 2017 के बाद साढ़े 8 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई. 60,244 पुलिसकर्मियों व महिला बाल विकास विभाग में मुख्य सेविकाओं की भर्ती में भी बस्ती के अनेक युवाओं को नियुक्ति मिली. जब सरकार संकीर्ण सोच की होती तो बड़ा कार्य नहीं कर सकती. सीएम ने कृषि व ओडीओपी को लेकर सरकार के कार्यों की चर्चा की. आज यूपी के युवा को अपने प्रदेश, क्षेत्र व गांव में नौकरी की गारंटी मिल रही है. सीएम ने विकसित यूपी के लिए सभी की भूमिका पर बल दिया.

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