राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज राज्यसभा के लिए 4 सदस्यों को नॉमिनेट किया है. इनमें पूर्व सरकारी वकील और लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार रहे उज्ज्वल निकम शामिल हैं. निकम को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. राज्यसभा के लिए नॉमिनेट निकम, 26/11 के मुंबई हमला समेत कई हाई-प्रोफाइल मामलों में पब्लिक प्रॉसिक्यूटर रहे हैं. नॉमिनेट होने के बाद उनकी पहली प्रतिक्रिया सामने आई है.
राज्यसभा के लिए मनोनीत होने पर विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने कहा, “मुझे मनोनीत करने के लिए मैं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का शुक्रिया अदा करता हूं. जब मैं लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी से मिला था, तो उन्होंने मुझ पर अपना विश्वास जताया था
उन्होंने कहा कि कल पीएम नरेंद्र मोदी ने मुझे मेरे नामांकन की जानकारी देने के लिए फोन किया. उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या उन्हें हिंदी में बात करनी चाहिए या मराठी में, हम दोनों हंसने लगे फिर उन्होंने मुझसे मराठी में बात की और मुझे बताया कि राष्ट्रपति मुझे जिम्मेदारी देना चाहते हैं, जिसके बाद उन्होंने मुझे राष्ट्रपति के फैसले के बारे में बताया. मैंने तुरंत हां कर दिया. मैं पार्टी नेतृत्व को धन्यवाद देता हूं.
लोकसभा चुनाव में मिली थी हार
उज्ज्वल निकम साल 2024 के लोकसभा चुनाव में मुंबई नॉर्थ सेंट्रल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था. हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने निकम को संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत नॉमिनेट किया है. इस अनुच्छेद के तहत कला, साहित्य, विज्ञान या समाज सेवा में खास योगदान देने वालों को राज्यसभा के लिए चुना जा सकता है.
कौन हैं उज्ज्वल निकम?
उज्जवल निकम का पूरा नाम उज्जवल देवराज निकम है. उनकी उम्र लगभग 72 साल है. निकम का जन्म जलगांव महाराष्ट्र में हुआ था. सरकारी वकील की तौर पर उनकी देश भर में पहचान है. यही कारण है कि साल 2016 में उन्हें पद्मश्री दिया गया था. उन्होंने मुंबई बम धमाके, 26/11 हमले, गुलशन कुमार मर्डर केस जैसे कई बड़े केस लड़े हैं.
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