एअर इंडिया का प्लेन क्रैश होते ही, शेयर बाजार में कोहराम, टाटा ग्रुप के शेयर हुए धड़ाम
प्लेन क्रैश के हादसे ने शेयर बाजार को भी झकझोर कर रख दिया है. जैसे ही हादसे की खबर सामने आई, टाटा ग्रुप के सभी स्टॉक्स एक के बाद एक करके धराशाई हो गए.
OpenAI दुनिया के सबसे अमीर और प्रभावशाली निवेशकों से पैसे जुटाने की कोशिश कर रही है. इसमें भारत के सबसे अमीर शख्स और इंडस्ट्रिलिस्ट मुकेश अंबानी, सऊदी अरब का पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड (PIF), और UAE की MGX जैसी संस्थाएं शामिल हैं.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में क्रांति ला रही अमेरिकी कंपनी OpenAI इन दिनों एक बड़ी डील की तैयारी में है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, OpenAI दुनिया के सबसे अमीर और प्रभावशाली निवेशकों से पैसे जुटाने की कोशिश कर रही है. इसमें भारत के सबसे अमीर शख्स और इंडस्ट्रिलिस्ट मुकेश अंबानी, सऊदी अरब का पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड (PIF), और UAE की MGX जैसी संस्थाएं शामिल हैं. यानी अब मुकेश अंबानी अगर खबरें सही रहीं तो एलन मस्क के सबसे बड़े दुश्मन सैम ऑल्टमैन से हाथ मिला सकते हैं.
सूत्रों के अनुसार, यह डील लगभग 3.4 लाख करोड़ रुपये (लगभग 40 अरब डॉलर) तक की हो सकती है, जिसमें एक बड़ा हिस्सा OpenAI के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट Stargate के लिए फंडिंग जुटाने में इस्तेमाल किया जाएगा.
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक OpenAI की यह योजना ऐसे समय में सामने आई है जब कंपनी के को-फाउंडर सैम ऑल्टमैन और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बीच संबंधों में तनाव बढ़ गया है. मस्क ने हाल ही में OpenAI पर मुकदमा दायर किया था, जिसमें कंपनी की व्यावसायिक रणनीति पर सवाल उठाए गए थे. ऐसे में सैम ऑल्टमैन अब वैश्विक निवेशकों के साथ मिलकर OpenAI को और मजबूत करने में जुटे हैं और इस लिस्ट में मुकेश अंबानी का नाम सबसे ऊपर है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि सैम ऑल्टमैन ने हाल ही में भारत के IT मंत्री से भी मुलाकात की थी, जिसमें देश में AI इकोसिस्टम के विस्तार को लेकर चर्चा हुई. अगर यह डील होती है, तो भारत तकनीकी नवाचार के मामले में वैश्विक मंच पर और मजबूती से उभरेगा.
OpenAI की इस फंडिंग राउंड को जापान की दिग्गज टेक निवेश कंपनी SoftBank लीड कर रही है. इसका मकसद Stargate नामक प्रोजेक्ट के लिए जरूरी डेटा सेंटर्स और सुपरकंप्यूटर के निर्माण को वित्तीय सहायता देना है. इस प्रोजेक्ट की लागत अकेले ही 100 अरब डॉलर से अधिक बताई जा रही है.
अगर यह डील मुकाम तक पहुंचती है, तो यह न केवल भारत की Reliance Industries के लिए एक बड़ा कदम होगा, बल्कि इसे तकनीक की दुनिया में भारत की सबसे अहम एंट्री के तौर पर भी देखा जाएगा. मुकेश अंबानी के लिए यह कदम टेलीकॉम और डिजिटल सर्विसेज से अब AI और ग्लोबल टेक्नोलॉजी इन्वेस्टमेंट की ओर बढ़ते वर्चस्व का संकेत हो सकता है.
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