जब समाज की अधिकार और पार्टी के अधिकार की बात आती हैं तो परिवारवाद हावी रहता हैं। ✅


 हर जाति का नेता पहले तो अपने समाज के उत्थान के लिए अपनी जाति के लोगों से पार्टी का कार्य कराते हैं जब समाज की अधिकार और पार्टी के अधिकार की बात आती हैं तो परिवारवाद हावी रहता हैं। ✅
✅ इसलिए किसी भी सामाजिक संगठन मैं अपनी जाति के नेताओं से प्रश्न करने और अधिकार अगर नहीं दे सके तो पार्टी से बाहर निकल भेकने की शक्ति कार्यकर्ताओं को देनी चाहिए ✅।

निषाद पार्टी के प्रदेश सचिव धर्मात्मा निषाद ने आत्महत्या कर ली है,
आत्महत्या से पहले उन्होंने फेसबुक पर एक Post लिखी,
और अपनी मौत के लिए मंत्री संजय निषाद और उनके दोनों लड़कों क़ो जिम्मेदार बताया है,

धर्मात्मा निषाद ने लिखा है कि,
मन करता है कि संजय निषाद और उसके दोनों लड़कों की हत्या कर दूँ,
ऐसा नहीं कर सकता हूं,
इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं,
इन बाप बेटों ने निषाद समाज क़ो ठग लिया है,

इतना कठोर कदम नहीं उठाना चाइए था साथी, आपका समाज और परिवार को बहुत याद करेगा,
विचारधारा ना मिलने पर आपको अपनी अगल लाइन पर कार्य करना चाहिए था भाई @धर्मा नंद निषाद जी
आपको सादर विनम्र श्रद्धांजलि ????????
पार्टी के नेताओ की विचारधारा और कार्य शैली से आहत हूं

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