सिवारा क्षेत्र में फिर शुरू हुआ परमिशन के नाम पर अवैध खनन


सिवारा चौकी इंचार्ज खनन कर रहे ट्रैक्टर मालिको पर मेहरबान और खनन अधिकारी दे रहे हैं सालों से चुनिंदा लोगों को ही परमिशन परमिशन तो होती है दिखाने के लिए और होता है अवैध रूप से खनन ट्रैक्टर कहने को होता है कृषि कार्य हेतु पर ट्रैक्टर मालिको पर सालो से चुनिंदा लोगों को ही खनन अधिकारी देते हैं परमिशन  ट्रैक्टर पर रजिस्ट्रेशन नंबर क्यों नहीं होता है परमिशन के नाम पर बेची जाती है 600 से ₹ 700 प्रति ट्राली मिट्टी ट्रैक्टरों पर रजिस्ट्रेशन नंबर ना पड़े होने से अगर कोई भी सड़क हादसा होता है उसका जिम्मेदार कौन चौकी इंचार्ज या खनन अधिकारी जो लगातार कुछ चुनिंदा लोगों को ही देते आ रहे हैं परमिशन हैं सालो से परमिशन सिवारा क्षेत्र में खनन करके बड़े-बड़े गड्ढे खोद रखे हैं ट्रैक्टर पर रजिस्ट्रेशन नंबर क्यों नहीं डाला जाता है इससे यह साबित होता है चौकी इंचार्ज और खनन अधिकारी और खनन करने वाले चुनिंदा लोगो पर ही मेहरबान क्यों परमिशन दे कर ट्रैक्टरों को अवैध रूप से सिवारा चौकी इंचार्ज चलवाते हैं परमिशन के नाम पर खेल शुरू हो जाता है अभी कुछ ही दिल पहले खनन कर रहे ट्रैक्टर ड्राइवर से पत्रकार ने पूछा ट्रैक्टर पर रजिस्ट्रेशन नंबर क्यों नहीं है इससे कैसे जानकारी हो की परमिशन आपके के ही ट्रैक्टर की है इसी को लेकर सभी खनन कर रहे ट्रैक्टर ड्राइवर और मालिक ने मिलकर पत्रकार के साथ हाथापाई कर दी थी जिससे पत्रकार को गंभीर चोटे भी आई थी जिसका कम्पिल थाने में मुकदमा भी लिखा गया था इस के बावजूद भी खनन अधिकारी बिना रजिस्ट्रेशन नंबर के ट्रैक्टरों को दे रहे हैं परमिशन के नाम पर ट्रैक्टर मालिक करते हैं अवैध रूप से धंधा कई जगह से उठते हैं मिट्टी और करते हैं मोटी कमाई

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