Punjab: राज्यपाल के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम सुनवाई आज, विधेयकों की मंजूरी में हो रही देरी से जुड़ा है मामला


Punjab: राज्यपाल के खिलाफ याचिका पर 'सुप्रीम' सुनवाई आज, विधेयकों की मंजूरी में हो रही देरी से जुड़ा है मामलापंजाब सरकार ने याचिका में विस से पारित विधेयकों को मंजूरी के लिए राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को निर्देश देने का अनुरोध किया है। याचिका में कहा गया है कि इस तरह की असांविधानिक निष्क्रियता से पूरा प्रशासन ठप पड़ गया है।सुप्रीम कोर्ट पंजाब विधानसभा से पारित विधेयकों को राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित द्वारा मंजूरी देने में की जा रही देरी संबंधी राज्य सरकार की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा। मामले को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।जाब सरकार ने याचिका में विस से पारित विधेयकों को मंजूरी के लिए राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को निर्देश देने का अनुरोध किया है। याचिका में कहा गया है कि इस तरह की असांविधानिक निष्क्रियता से पूरा प्रशासन ठप पड़ गया है। सरकार ने दलील दी कि राज्यपाल अनिश्चितकाल के लिए विस से पारित विधेयकों को रोक नहीं सकते हैं।

क्या है पंजाब में बजट सत्र को लेकर विवाद?
पंजाब सरकार ने अतिरिक्त महाधिवक्ता शादान फरासत के माध्यम से भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। याचिका में पंजाब के राज्यपाल के प्रधान सचिव को पहले प्रतिवादी के रूप में रखा गया है। याचिका में तर्क दिया गया है कि संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार सरकार द्वारा दी गई सहायता और सलाह के अनुसार राज्यपाल को विधानसभा को बुलाना पड़ता है।


पंजाब सरकार के कैबिनेट ने प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल से विधानसभा का बजट सत्र तीन मार्च से बुलाने की अनुमति मांगी थी। हालांकि, राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने इस बजट सत्र को बुलाने से इनकार कर दिया था। साथ ही एक पत्र लिखकर कहा कि मुख्यमंत्री सीएम के ट्वीट और बयान काफी अपमानजनक और असंवैधानिक थे। इन ट्वीट पर कानूनी सलाह ले रहे हैं। इसके बाद बजट सत्र को बुलाने पर विचार करेंगे। 

गौरतलब है कि 13 फरवरी को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर, सिंगापुर में ट्रेनिंग के लिए भेजे गए प्रिंसिपलों की चयन प्रक्रिया व खर्च समेत चार अन्य मुद्दों पर जानकारी तलब की थी। इसके जवाब में, मुख्यमंत्री ने 13 फरवरी को ही ट्वीट कर राज्यपाल की नियुक्ति पर सवाल उठाने के साथ-साथ साफ कर दिया कि राज्यपाल द्वारा उठाए सभी मामले राज्य का विषय हैं। मुख्यमंत्री ने लिखा था कि उनकी सरकार 3 करोड़ पंजाबियों के प्रति जवाबदेय है न कि केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किसी राज्यपाल के प्रति। इसके बाद से मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच उक्त पूरे मामले ने विवाद का रूप ले लिया है।

नवीनतम न्यूज़ अपडेट्स के लिए Facebook, Instagram Twitter पर हमें फॉलो करें और लेटेस्ट वीडियोज के लिए हमारे YouTube चैनल को भी सब्सक्राइब करें।

Related Tags:

 

Leave a Comment:

महत्वपूर्ण सूचना -

भारत सरकार की नई आईटी पॉलिसी के तहत किसी भी विषय/ व्यक्ति विशेष, समुदाय, धर्म तथा देश के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी दंडनीय अपराध है। इस प्रकार की टिप्पणी पर कानूनी कार्रवाई (सजा या अर्थदंड अथवा दोनों) का प्रावधान है। अत: इस फोरम में भेजे गए किसी भी टिप्पणी की जिम्मेदारी पूर्णत: लेखक की होगी।