महात्मा गांधी के अहमदाबाद में स्थित साबरमती आश्रम के नवीनीकरण निर्माण कार्य पर सर्वाेच्च न्यायालय ने शुक्रवार को रोक लगाने का फैसला किया है।


बाराबंकी। महात्मा गांधी के अहमदाबाद में स्थित साबरमती आश्रम के नवीनीकरण निर्माण कार्य पर सर्वाेच्च न्यायालय ने शुक्रवार को रोक लगाने का फैसला किया है। विगत दिनों 27 नवंबर को गांधी जयंती समारोह ट्रस्ट और बुंदेलखंड नागरिक संघर्ष मोर्चा ने साबरमती आश्रम के मूल स्वरूप को जस का तस बनाए रखने एवं इस मूल स्वरूप से छेड़छाड़ न करने के मांग को लेकर गांधीवादी राजनाथ शर्मा और मोर्चा के संरक्षक रघु ठाकुर के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन कर जनजागरण संकल्प यात्रा निकाली गई थी।

इस दौरान मांग की थी कि भारत सरकार ने जो साबरमती आश्रम नवीनीकरण की योजना तैयार की है उसे रद्द करें और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन मूल्यों, उनकी सादगी और आजादी के आंदोलन के इतिहास को यथावत रखे। इस निर्माण कार्य पर रोक लगने से पूरे देश के गांधीवादियों में खुशी है।

गांधीवादी राजनाथ शर्मा ने सर्वाेच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने बापू की विरासत को सहेजने के लिए उच्च न्यायालय गए। लेकिन न्यायालय ने उनकी याचिका ख़ारिज कर दी। जिसके बाद वह सर्वाेच्च न्यायालय की शरण मे गए जहाँ न्यायालय ने सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए साबरमती आश्रम में निर्माणाधीन कार्य पर रोक लगा दी है। सर्वाेच्च न्यायालय का यह फैसला सराहनीय एवं न्यायोचित है।

श्री शर्मा ने कहा कि हमें उम्मीद है कि केंद्र की सरकार भविष्य में अवश्य ही न्यायपालिका के आदेश के संदेश को ध्यान मे रखकर अपनी योजना को परिवर्तित करेगी। उन्होंने याचिकाकर्ता तुषार गांधी को साधुवाद देते हुए कहा है कि तुषार गांधी ने बापू से जुड़ी राष्ट्रीय धरोहर को न्याय पालिका के मंच पर उठाकर अपने दायित्व का निर्वहन किया है। उन्हें गांधी जयंती समारोह ट्रस्ट परिवार साधुवाद ज्ञापित करता है।
 

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