23 नवंबर वर्ष 2007 में लखनऊ बनारस और फैजाबाद कचहरी में सीरियल ब्लास्ट हुआ था। फैजाबाद कचहरी में हुए ब्लास्ट में अधिवक्ता सहित चार लोगों की जान गई थी जबकि 24 लोग घायल हुए थे। इस धमकी के बाद प्रशासन और पुलिस अलर्ट मोड पर है।


आतंकी हमले का दंश झेल चुकी कचहरी को एक बार फिर बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। गत दो जून को डाक के माध्यम से धमकी भरा पत्र जिला जज न्यायालय के कार्यालय में भेजा गया था। इस मामले में गोपनीय जांच की। धमकी भरा पत्र, जिस व्यक्ति के नाम से भेजा गया था, जांच में वह निर्दोष मिला है। फिर भी कोतवाली नगर में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

सिविल कोर्ट चौकी प्रभारी विनय कुमार की ओर से प्राथमिकी दर्ज करने के बाद यह संवेदनशील प्रकरण उजागर हुआ। हालांकि कचहरी की सुरक्षा पहले ही पुख्ता है, लेकिन धमकी पत्र मिलने के बाद निगरानी को और बढ़ा दिया गया है। कचहरी के साथ-साथ रामनगरी में भी अतिरिक्त सुरक्षा एवं निगरानी बरती जा रही है।

गत दो जून को पूराकलंदर के दौलतपुर निवासी राशिद के नाम से धमकी भरा पत्र भेजा गया था। पत्र मिलने के बाद इस बारे में पुलिस को अवगत कराया। कचहरी से जुड़े इस संवेदनशील प्रकरण को लेकर पुलिस ने गोपनीय रूप से पत्र की जांच कराई। जांच करने पुलिस जब दौलतपुर पहुंची तो राशिद ने बताया कि पत्र के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है।

14-15 वर्ष के राशिद का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। कई चरणों की पूछताछ के बाद पुलिस ने पाया कि पत्र प्रेषक के रूप में राशिद के नाम का दुरुपयोग किया गया है। सीओ सिटी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। कचहरी की सुरक्षा पुख्ता है। परिसर और न्यायालयों की सतत निगरानी की जा रही है। उच्चाधिकारियों के मार्गदर्शन में समय-समय पर इसका परीक्षण भी किया जाता है।

वर्ष 2007 में आतंकी हमले का शिकार हुई थी कचहरीः 23 नवंबर वर्ष 2007 में हुए लखनऊ, बनारस और फैजाबाद कचहरी में सीरियल ब्लास्ट हुआ था। फैजाबाद कचहरी में हुए ब्लास्ट में अधिवक्ता सहित चार लोगों की जान गई थी, जबकि 24 लोग घायल हुए थे। कचहरी में दो अलग-अलग स्थानों पर बम विस्फोट हुए थे। इस घटना के बाद से ही कचहरी की सुरक्षा एवं निगरानी पुख्ता कर दी गई है।

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