फरीदाबाद के अरावली क्षेत्र में स्थित अनंगपुर गांव इन दिनों राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बनता जा रहा है. मकानों को तोड़े जाने की आशंका को लेकर गांव में लगातार पंचायतें हो रही हैं. 1200 साल पुराने गांव अनंगपुर में अतिक्रमण हटाए जाने के विरोध में 13 जुलाई को गांव में एक महापंचायत का आयोजन हुआ. जिसमें महापंचायत को समर्थन देने दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज, विधायक सहीराम, पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना और पूर्व सांसद महाबल मिश्रा पहुंचे है.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि किसानों ने तीन साल पहले काले कानून के खिलाफ लड़ाई शुरू की 600 लोग इसमें मर गए. किसान डटे रहे. एक साल बाद सरकार झुक गई. ये लंबी लड़ाई है, लड़नी पड़ेगी तभी सरकार झुकेगी. इस गांव के खिलाफ सरकार कोर्ट गई. सरकार गांव वालों के खिलाफ मुकदमा कर रही है. सरकार जब अपने मन का काम करना चाहती है तो कर देती है, कोई कोर्ट या अदालत बीच मे नहीं आता. जब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की चुनी हुई सरकार को अधिकार दिए तब एक हफ्ते में ही केंद्र की सरकार ने अध्यादेश के जरिए उस आदेश को पलट दिया. सीबीआई (CBI) नियुक्ति मामले में भी कोर्ट के आदेश को पलटा गया, लेकिन इस गांव को बचाने के लिए कोर्ट का बहाना बनाया गया है, जब गांव वालों के खिलाफ सरकार कोर्ट में लड़ेगी तो जीतेगी भी सरकार. आम आदमी पार्टी इस गांव के संघर्ष में साथ है.
मोदी सरकार आपका घर उजाड़ना चाहती है’
महापंचायत को समर्थन देने कांग्रेस से सासंद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य गुरदीप सप्पल भी पहुंचे. गुरदीप सप्पल ने कहा कि मोदी सरकार आपका घर उजाड़ना चाहती है, क्योंकि आपकी जमीन पर उनकी नजर है, जमीन किसी उद्योगपति को देना चाहते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में भी अडानी को आदिवासियों की जमीन की जरूरत थी. बिना कानून उनकी जमीन अडानी को दे दी गई. आज अडानी वहां बेधड़क जंगल काट रहे हैं. आप अगर कोई उद्योगपति होते, तो आपके साथ ऐसा नहीं होता.
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