सुल्तानपुर- KNIT के इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. सौरभ मणि त्रिपाठी के अनुसार, रियल टाइम सिम्युलेशन एक ऐसी तकनीक है. जिसमें कंप्यूटर की सहायता से वास्तविक दुनिया की किसी भौतिक प्रणाली का मॉडल समय के साथ मिलाकर चलाया जाता है. इस प्रक्रिया के जरिए यह समझा जा सकता है कि असल जीवन में कोई तकनीकी प्रणाली किस तरह काम करेगी. इससे नए सिस्टम को परीक्षण के दौरान सुरक्षित और विश्वसनीय बनाया जा सकता है.
छात्रों को कैसे मिलेगा लाभ?
यह मशीन इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए वरदान साबित होगी. डॉ. त्रिपाठी के मुताबिक, नए इलेक्ट्रिकल सिस्टम्स का डिजाइन और परीक्षण करना महंगा और जोखिमभरा काम होता है. लेकिन रियल टाइम सिम्युलेटर ‘हार्डवेयर इन द लूप’ तकनीक के माध्यम से इन डिजाइनों को वर्चुअली टेस्ट करने में मदद करता है. इससे छात्र वास्तविक परिस्थितियों में बिना किसी नुकसान के प्रयोग कर सकते हैं और बेहतर परिणाम हासिल कर सकते हैं.
उत्तर प्रदेश में पहली बार, KNIT बना पायनियर
इस जर्मन तकनीक से युक्त मशीन को पहली बार उत्तर प्रदेश में KNIT सुल्तानपुर में स्थापित किया गया है. लगभग 70 लाख की लागत वाली इस मशीन से न केवल छात्रों को अत्याधुनिक तकनीक से रूबरू होने का मौका मिलेगा, बल्कि वे अपने प्रोजेक्ट्स को और ज्यादा इनोवेटिव बना सकेंगे. यह कदम न केवल KNIT के स्तर को बढ़ाएगा, बल्कि प्रदेश में तकनीकी शिक्षा की दिशा भी बदलेगा.
क्यों अहम है ये कदम?
देश में तकनीकी क्षेत्र में हो रहे तेज बदलावों को देखते हुए, छात्रों को प्रैक्टिकल और इंडस्ट्री-रेडी बनाना जरूरी है. KNIT द्वारा उठाया गया यह कदम न केवल छात्रों की स्किल्स को बढ़ाएगा, बल्कि भारत के तकनीकी विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा.
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