उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में इस समय आम की कीमत काफी कम हो गई है. किसानों और व्यापारियों के अनुसार, पिछले साल के मुकाबले इस साल दाम लगभग एक तिहाई कम हो गए हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कितनी है 1 किलो आम की कीमत?


 

 जो दशहरी आम पिछले साल 60 रुपये किलो बिक रहा था, वो अब 40-45 रुपये किलो बिक रहा है. दाम गिरने का कारण है आम का ज्यादा उत्पादन होना. किसानों ने जल्दी फसल इसलिए काट ली क्योंकि उन्हें डर था कि मानसून जल्दी आ जाएगा. 

 जो दशहरी आम पिछले साल 60 रुपये किलो बिक रहा था, वो अब 40-45 रुपये किलो बिक रहा है. दाम गिरने का कारण है आम का ज्यादा उत्पादन होना. किसानों ने जल्दी फसल इसलिए काट ली क्योंकि उन्हें डर था कि मानसून जल्दी आ जाएगा. 

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टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक इस साल उत्तर प्रदेश में आम का उत्पादन लगभग 35 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल यह 25 लाख मीट्रिक टन था. आम के पेड़ों में 100% फूल आए, जिससे पता चलता है कि उत्पादन अच्छा होगा. अली ने यह भी कहा कि यह संभावना नहीं है कि आने वाले हफ्तों में कीमतें बढ़ेंगी.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक इस साल उत्तर प्रदेश में आम का उत्पादन लगभग 35 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल यह 25 लाख मीट्रिक टन था. आम के पेड़ों में 100% फूल आए, जिससे पता चलता है कि उत्पादन अच्छा होगा. अली ने यह भी कहा कि यह संभावना नहीं है कि आने वाले हफ्तों में कीमतें बढ़ेंगी.

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साल 2024 में पूरी दुनिया में आम का उत्पादन 25 मिलियन मीट्रिक टन (MT) तक पहुंच गया. इसमें से लगभग आधा उत्पादन भारत में हुआ. चीन 3.8 मिलियन मीट्रिक टन और इंडोनेशिया 3.6 मिलियन मीट्रिक टन के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे. उत्तर प्रदेश भारत के कुल आम उत्पादन में लगभग 20% का योगदान करता है.

साल 2024 में पूरी दुनिया में आम का उत्पादन 25 मिलियन मीट्रिक टन (MT) तक पहुंच गया. इसमें से लगभग आधा उत्पादन भारत में हुआ. चीन 3.8 मिलियन मीट्रिक टन और इंडोनेशिया 3.6 मिलियन मीट्रिक टन के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे. उत्तर प्रदेश भारत के कुल आम उत्पादन में लगभग 20% का योगदान करता है.

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आंध्र प्रदेश के तिरुपति और चित्तूर क्षेत्रों में भी तोतापुरी आम के दाम बहुत गिर गए हैं. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पल्प बनाने वाली कंपनियों ने किसानों से आम खरीदना बंद कर दिया है. किसानों ने मानसून के जल्दी आने की आशंका से पहले ही फसल काट ली थी, जिससे स्थिति और भी खराब हो गई.

आंध्र प्रदेश के तिरुपति और चित्तूर क्षेत्रों में भी तोतापुरी आम के दाम बहुत गिर गए हैं. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पल्प बनाने वाली कंपनियों ने किसानों से आम खरीदना बंद कर दिया है. किसानों ने मानसून के जल्दी आने की आशंका से पहले ही फसल काट ली थी, जिससे स्थिति और भी खराब हो गई.

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पश्चिम बंगाल में भी आम के दाम बहुत गिर गए हैं. वहां अच्छी क्वालिटी के आम 45-50 रुपये किलो बिक रहे हैं, जबकि पहले 80 रुपये किलो बिकते थे. कोलकाता के एक आम व्यापारी प्रशांत पाल ने कहा कि इस साल उत्पादन अच्छा है. किसानों द्वारा जल्दी आम तोड़ने के कारण भी कीमतें गिर गई हैं.

पश्चिम बंगाल में भी आम के दाम बहुत गिर गए हैं. वहां अच्छी क्वालिटी के आम 45-50 रुपये किलो बिक रहे हैं, जबकि पहले 80 रुपये किलो बिकते थे. कोलकाता के एक आम व्यापारी प्रशांत पाल ने कहा कि इस साल उत्पादन अच्छा है. किसानों द्वारा जल्दी आम तोड़ने के कारण भी कीमतें गिर गई हैं.

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