अमेरिकी सरकार के सूत्रों ने बुधवार को बताया कि बग़दाद में अमेरिकी दूतावास के ग़ैर अनिवार्य स्टाफ़ और अन्य लोग सुरक्षा ख़तरों के कारण इराक़ छोड़ रहे हैं.
अधिकारियों ने ये नहीं बताया कि उनके इराक़ छोड़ने की वजह क्या है. लेकिन हाल ही में ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर रुकी बातचीत इसकी एक वजह हो सकती है.
अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने बीबीसी से कहा, "हम अपने सभी दूतावासों में स्टाफ़ की उचित स्थिति का आकलन कर रहे हैं."
"ताजा विश्लेषण के आधार पर हमने इराक़ में अपनी मौजूदगी कम करने का फ़ैसला किया है."
अमेरिका ने ये क़दम ईरान से कई सप्ताह तक चली बातचीत के बाद उठाया है.
राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के लिए एक समझौते पर पहुंचने की उम्मीद जताई थी.
ट्रंप ने बुधवार को कहा कि उन्हें इस बात पर कम भरोसा हो रहा है कि ईरान यूरेनियम संवर्धन बंद कर देगा.
ट्रंप ने इस हफ़्ते की शुरुआत में इसराइल के प्रधानमंत्री के साथ 40 मिनट की फोन कॉल भी की थी. इस कॉल को तनावपूर्ण बताया जा रहा है.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एक पॉडकास्ट में कहा कि उन्हें इस बात पर कम भरोसा है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर कोई समझौता हो पाएगा.
अमेरिका चाहता है कि ईरान यूरेनियम का संवर्धन बंद कर दे, जिसका इस्तेमाल परमाणु बम बनाने में किया जा सकता है. इसके बदले में अमेरिका ईरान पर आर्थिक प्रतिबंधों में ढील देगा.
वहीं ईरान के रक्षा मंत्री अजीज नसीरजादेह ने कहा कि अगर बातचीत सफल नहीं हो पाती है और ट्रंप ईरान के ख़िलाफ़ सैन्य हमले का आदेश देते हैं तो ईरान इस क्षेत्र में अमेरिकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई करेगा.
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