सबका मंगल होय ???? ????आज का सुविचार ????


 ???? सबका   मंगल   होय ????
????आज  का   सुविचार  ????
               ⬇️
????जीवन  में  आगे  बढ़ना  है तो
     बहरे  बन  जाओ,----------!

????क्योंकि  अधिकांश  लोगों की
     बातें मनोबल गिरातीं हैं,---!!

                 ????क्योंकि???? 
शिक्षा  मंदिर  में  बिकती  है  योवन  बिकता है   गलियों में,
सुख सुविधा सब मिलकर बट गई देश के ढोंगी छलियों में।
दिशाहीन  हो  रही  जवानी  किसकी जिम्मेदारी   है, 
नैतिकता   का   रंग  चढ़े  क्यों   नूतन   खिलती   कलियों में।।

                 ????इसीलिए???? 
पीर  की  डगर मिली मगर चली नहीं,
डाल  कल्पवृक्ष  की फूली फली नहीं।
बुझे  दिए  ही  रोशनी  के  गीत गा रहे,
जिंदगी तो मशाल थी मगर जली नहीं।।

                  ????क्योंकि???? 
सुख  दिवस  मैने न लख पाए केवल देखी हैं दु:ख की रातें,
अपने आगे ही अपनों की स्वार्थ भरी देखी हैं बातें।
मन का दुख हल्का करने को दो शब्द ना सुन पाए जग के,
सुनता आया हूं मैं अब तक जग की कटु व्यंग भरी बातें।।

               ????लेकिन???? 
दीप बनकर कालिमा में जल रहा हूं,
वेदना   की   धूप   में   पल  रहा  हूं। 
नाप   लूंगा  राह  की  दूरी  क्षणों में,
लेकर  साहस  धरा  पर चल रहा हूं।।

                ????इसीलिए???? 
दोहरे  चरित्र  में  मैं  जी  नहीं  पाता  हूं।
इसीलिए बार-बार अकेला रह जाता हूं।।
                
         आपका आज का दिन
बुधवार तथागत की दया से मंगलमय हो।
                      ????????
                ????प्रातःवंदन????
                राजेश कुमार सिद्धार्थ अध्यक्ष डॉ आंबेडकर संवैधानिक महासंघ एवं किसान कांग्रेस प्रदेश महासचिव

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