साल 1960 में हिंदी सिनेमा में एक फिल्म रिलीज की गई थी, जो कि इंडस्ट्री पर एक ऐतिहासिक छाप छोड़ गई. हालांकि, इस फिल्म को केवल बनाने में ही 14 साल का समय लगा था. फिल्म में दिलीप कुमार और मधुबाला लीड रोल में थे.
हिंदी सिनेमा में कई ऐसी फिल्में बनी हैं, जो कि ऐतिहासिक फिल्मों के तौर पर सामने आई है. हालांकि इनमें से भी एक फिल्म ऐसी थी जिसको बनाने में सालों लग गए, लेकिन रिलीज के बाद इस फिल्म को लोगों से ताबड़तोड़ रिस्पॉन्स मिला.
1 / 7
हम जिस फिल्म की बात कर रहे हैं, वो फिल्म साल 1960 में रिलीज हुई थी, जिसका नाम मुगले-ए-आजम था. ये हिंदी सिनेमा की नायाब फिल्मों में गिनी जाती है. मुगले-ए-आजम को बनाने भर में 14 साल का वक्त लग गया था.
2 / 7
हालांकि, इतने साल पहले बनी इस फिल्म में काफी पैसे लगाए गए थे. बताया जाता है कि फिल्म में कुल 12 गाने थे, जिसमें से सभी को काफी पसंद किया गया था. इनमें से एक गाने को बनाने में तकरीबन 10 लाख रुपए खर्च हुए थे.
3 / 7
साल 1946 में मुगले-ए-आजम को बनाना शुरू किया गया था, लेकिन फिल्म की एक-एक कड़ी को इतनी बारीकी से बनाया गया था कि इसमें काफी वक्त लग गया था. हालांकि, बीच में डायरेक्टर के पास पैसों की भी कमी हो गई थी.
4 / 7
दरअसल, जिस वक्त फिल्म बननी शुरू हुई थी उसी बीच दंगों की वजह से फिल्म के फाइनेंसर को पाकिस्तान जाना पड़ गया था. बाद में डायरेक्टर को दूसरे फाइनेंसर की तलाश करनी पड़ी, जिसके बाद फिल्म आगे बढ़ी.
5 / 7
साल 1960 में जब ये फिल्म बनकर रिलीज के लिए तैयार हुई, तो सिनेमाघर को खूब सजाया गया था. इतना ही नहीं लोगों के अंदर इस फिल्म के लिए इतना क्रेज था कि लोग 5-5 किलोमीटर तक टिकट के लिए लाइन लगाते थे.
6 / 7
इतना ही नहीं, बल्कि एक वक्त ऐसा था कि 1 दिन बाद की टिकट के लिए लोगों ने रास्तों पर लाइन लगाकर सोना शुरू कर दिया था. साथ ही उनके घरवाले उनके लिए लाइनों में ही खाना लाते थे. इस फिल्म की तरह किसी फिल्म का क्रेज नहीं देखा गया.
नवीनतम न्यूज़ अपडेट्स के लिए Facebook, InstagramTwitter पर हमें फॉलो करें और लेटेस्ट वीडियोज के लिए हमारे YouTube चैनल को भी सब्सक्राइब करें।
अनिल कपूर बॉलीवुड में काफी सफल रहे हैं. हालांकि उनके छोटे भाई संजय कपूर को उनकी तरह लोकप्रियता नहीं मिल पाई. लेकिन संजय ने करियर की शुरुआत में ही ब्लॉकबस्टर फिल्म दे डाली थी. माधुरी दीक्षित संग उनकी जोड़ी खूब पसंद की गई. लेकिन आईएमडीबी पर वो फिल्म फिसड्डी साबित हुई.
बॉक्स ऑफिस पर सिकंदर भी आए, जाट भी आए, उसके बाद केसरी 2 भी... लेकिन कोई भी ब्लॉकबस्टर नहीं. साल 2025 के शुरुआती चार महीने के आंकड़ों को देखें तो महज एक विकी कौशल की छावा फिल्म ने अच्छा कारोबार किया है. कई सुपर स्टार्स के नाम बड़े और दर्शन छोटे साबित हो चुके हैं. चौंकाने वाली बात ये कि निकट
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के चार दिवसीय भारत दौरे के दौरान जयपुर में उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए भारत-अमेरिका के बीच मजबूत होते संबंधों पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक समझौते पर सहमति बन गई है और आने वाल
महमूदाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिवस मनाया गया पौधरोपण और केक काटकर – पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री डॉ. अम्मार रिज़वी बने आकर्षण का केंद्र।
Leave a Comment: