दक्षिण कोरिया में प्रशिक्षु चिकित्सकों ने एक सरकारी नीति के खिलाफ सोमवार को सामूहिक रूप से अपने इस्तीफे देने शुरू कर दिए। इसके चलते अस्पतालों में सर्जरी और अन्य उपचारों में देरी होने की खबरें मिली हैं।


 दक्षिण कोरिया पहले ही अपने पड़ोसी देश उत्तर कोरिया की उकसाने वाली हरकतों से परेशान है। उत्तर कोरिया मिसाइल परीक्षण कर दक्षिण कोरिया में भय बनाए रखता है। अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर जूझ रहे दक्षिण कोरिया में अंदरुनी व्यवस्थाएं भी ठप हो गई हैं। खासकर चिकित्सा व्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। क्योंकि डॉक्टर्स ने धड़ाधड़ इस्तीफे देने शुरू कर दिए। जानिए क्या है इसके पीछे कारण?

दक्षिण कोरिया में प्रशिक्षु चिकित्सकों ने एक सरकारी नीति के खिलाफ सोमवार को सामूहिक रूप से अपने इस्तीफे देने शुरू कर दिए। इसके चलते अस्पतालों में सर्जरी और अन्य उपचारों में देरी होने की खबरें मिली हैं। चिकित्सकों का एक समूह और सरकार मेडिकल स्कूलों में दाखिलों की संख्या में 2,000 तक की वृद्धि करने की सरकारी योजना को लेकर आमने-सामने हैं, जो अगले साल से लागू होगी।

इस मामले में विकसित देशों से पीछे है दक्षिण कोरिया

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि दक्षिण कोरिया में बुजुर्गों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अधिक चिकित्सकों की नियुक्ति जरूरी है। उनका कहना है कि देश जनसंख्या के अनुसार चिकित्सकों की संख्या निर्धारित करने के मामले में विकसित देशों में सबसे पीछे है। लेकिन चिकित्सकों के समूहों का कहना है कि सरकार को चाहिए कि वह पहले उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए चिकित्सा शुल्क बढ़ाए और अन्य समस्याओं को हल करे। 

जूनियर डॉक्टर्स ने दिए इस्तीफे

सोमवार को, देश के पांच प्रमुख अस्पतालों में प्रशिक्षु चिकित्सकों ने त्याग पत्र देने शुरू कर दिए हैं। इन चिकित्सकों के संघ ‘कोरिया इंटर्न रेजिडेंट एसोसिएशन’ ने पिछले सप्ताह एक आपातकालीन बैठक के दौरान सामूहिक रूप से इस्तीफा देने का फैसला किया था।

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