लखनऊ। आम आदमी पार्टी (आप) के यूपी प्रभारी व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के जेल जाने से पार्टी को झटका लगा है। गांव-गांव संपर्क अभियान चलाने की योजना अभी शुरू नहीं हो पाई है। बीते चार अक्टूबर को संजय सिंह को ईडी ने दिल्ली में हुए शराब घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया था और इससे ठीक एक सप्ताह पहले ही राजधानी में कार्यकर्ता सम्मेलन कर उन्होंने केंद्र सरकार की गलत नीतियों के विरोध में गांव-गांव अभियान चलाने की घोषणा की थी।
कार्यकर्ता सम्मेलन में उन्होंने लखनऊ के नवनियुक्त पदाधिाकरियों को नियुक्ति पत्र बांटे थे और पहचान पत्र दिया था। पहले पार्टी में ऐसी व्यवस्था नहीं थी। पार्टी से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए वार्ड अध्यक्ष की तर्ज पर पहली बार ग्राम पंचायत अध्यक्ष भी बनाए जा रहे थे। यही नहीं लोकसभा चुनावों को देखते हुए पार्टी के मुख्य संगठन और प्रकोष्ठों के गठन का काम भी तेजी से चल रहा था।
संजय सिंह यूपी में आप को मजबूत बनाने के लिए लगातार जिलों का दौरा कर रहे थे। उनके जेल जाने के बाद डेढ़ साल से भंग चल रही राज्य कार्यकारिणी में निवर्तमान अध्यक्ष सभाजीत सिंह को छह महीने के लिए अध्यक्ष व दिनेश पटेल को महामंत्री बनाया गया है। फिलहाल संगठन विस्तार का काम भी धीमा हो गया है।इस बार नगर निकाय चुनाव में आप ने पिछले चुनाव के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन किया था।
पहली बार तीन नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की। छह नगर पंचायत अध्यक्ष, 59 नगर पंचायत सदस्य, 28 नगर पालिका सदस्य व आठ पार्षद की सीटें जीती हैं। फिलहाल लोकसभा चुनाव की तैयारियां सुस्त हो गई हैं। आप के कार्यवाहक अध्यक्ष सभाजीत सिंह कहते हैं कि आप की लोकप्रियता से केंद्र सरकार घबरा गई है, बड़े नेताओं को जेल भेजकर वह कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ना चाहती है, लेकिन कार्यकर्ता भी साजिश के प्रति सजग हैं।
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